उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 53 हजार से अधिक आँगनवाडी कार्यकत्री, मिनी आँगनवाडी व सहायिका के पदों को भरने के लिए मांगे गए आवेदनों को रद्द कर पुन: भर्ती आयोजित किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी भर्ती 2021
पुन: भर्ती की नियमावली में होंगे किस तरह के बदलाव
यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार विभाग के जरिए अगर 53,000 पदों के लिए फिर से आवेदन मंगाए जाते हैं तो ऐसे में इस भर्ती में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े उम्मीदवारों को EWS सर्टिफिकेट के साथ अप्लाई करना होगा। अभ्यर्थियों को यह प्रमाणपत्र अपलोड भी करना पड़ सकता है, जिसके बाद ही आवेदन फॉर्म कंप्लीट माना जाएगा। हालांकि इस बदली हुई नियमावली के संबंध में अभी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। इसके लिए उम्मीदवारों को भर्ती के ऑफिशियल नोटिफिकेशन का इंतजार करना होगा।
कितनी जनसंख्या पर बनाया जाता है आंगनवाड़ी केंद्र
आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए सामान्य दिशा-निर्देश जनसंख्या मानकों पर आधारित है। आमतौर पर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में 400-800 जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोला जाता है और उसके बाद जनसंख्या अधिक होने पर 800 के गुणन में एक और केंद्र खोला जा सकता है। जनजातीय/ पहाड़ी इलाकों में 300-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है। इसके अलावा दूरदराज और कम आबादी वाले क्षेत्रों में लघु आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए भी प्रावधान है। इन केंद्रों के सुगम संचालन और देख-रेख के लिए प्रत्येक केंद्र में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाती है।
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