दरोगा (UP Police SI) और उसके समकक्ष पदों के लिए चल रही ऑनलाइन परीक्षा में सोमवार को सॉल्वर, अभ्यर्थी और एजेंट तीनों पकड़े गए। एसटीएफ नोएडा यूनिट ने तीनों को खंदौली क्षेत्र से पकड़ा। धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ अपर पुलिस अधिक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एसटीएफ नोएडा यूनिट को जानकारी मिली थी कि ऑनलाइन परीक्षा में अलीगढ़ के बंटी कुमार ने हरेंद्र सिंह के स्थान पर अविनाश कुमार को परीक्षा में बैठाने का ठेका लिया है। सूचना पर खंदौली क्षेत्र के गांव पोइया स्थित श्री लाल सिंह डिग्री कॉलेज एक टीम पहुंच गई। सबसे पहले सॉल्वर अविनाश कुमार को पकड़ा गया। उसके बाद असली अभ्यर्थी हरेंद्र सिंह और एजेंट बंटी कुमार को पकड़ा गया।
इनकी हुई गिरफ्तारी:
-बंटी कुमार पहाड़ीपुर, इगलास, अलीगढ़ का निवासी है। बीएड पास है। परीक्षा में सॉल्वर बैठाने का ठेका लिया था।
-हरेंद्र कुमार अनूपशहर, बुलंदशहर का निवासी है। एमसीए पास है। दरोगा भर्ती के लिए आवेदन किया था। अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया।
-मुंगेर, बिहार निवासी अविनाश कुमार बीएड पास है। सॉल्वर बनकर परीक्षा में बैठा था।
शादी में जाल में फंसाया था हरेंद्र सिंह
बंटी कुमार ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया कि इगलास अलीगढ़ निवासी राजकुमार उसका साथी है। दोनों अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए सॉल्वर मुहैया कराते हैं। कई सालों से वह इस काम में लिप्त है। वर्ष 2019 में उसकी मुलाकात एक शादी में हरेंद्र सिंह से हुई थी। हरेंद्र ने सरकारी नौकरी की इच्छा जाहिर की। उन्होंने उसका नंबर ले लिया। उससे कहा कि कभी परीक्षा में बैठो तो बता देना। सॉल्वर को बैठा दिया जाएगा। बंटी ने बताया कि उसने पांच लाख रुपये में हरेंद्र सिंह को पास कराने का ठेका लिया था। मुंगेर, बिहार निवासी अविनाश कुमार उसका दोस्त है। उसके साथ बीएड किया था। पढ़ाई में होशियार है। इसलिए इस बार सॉल्वर के रूप में उसे बैठाया था। एसटीएफ नोएडा यूनिट ने राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसका नाम बंटी के साथी के रूप में सामने आया है।