ंडा में प्रैक्टिस ग्रांउड को समतल करते युवक
पुवायां (शाहजहांपुर)। सरकार ने युवाओं की ओर ध्यान नहीं दिया तो युवाओं ने पुलिस और सेना में भर्ती की तैयारी के लिए किसान की मदद से खुद ही मैदान तैयार कर लिया। इस मैदान में आसपास के तमाम युवा अभ्यास कर रहे हैं। युवाओं के इस प्रयास की लोग सराहना कर रहे हैं। पुवायां तहसील क्षेत्र में खिलाड़ियों और पुलिस, सेना आदि की भर्ती के लिए अभ्यास करने के लिए कोई मैदान नहीं है। युवाओं को दौड़ आदि का अभ्यास हाईवे पर चलते वाहनों के बीच करना पड़ता है और इससे आए दिन हादसे भी होते रहते हैं।
आए दिन हादसों से आहत होकर बंडा के युवा दिव्यांशु, ऋषभ और राघवेंद्र ने समस्या के समाधानके बारे में सोचा। जानकारी मिली कि बंडा के पास चार भाइयों का एक खेत खाली पड़ा है। तीनों युवक खेत में साझेदार गांव ताजपुर निवासी मलिखान से मिले और कहा कि जब तक खेत खाली है, तब तक युवाओं को अभ्यास के लिए दे दिया जाए। जब खेत का उपयोग होगा, तब युवा दूसरे स्थान पर अभ्यास करने लगेंगे। मलिखान ने युवाओं की हरसंभव मदद का वायदा करते हुए खेत का इस्तेमाल अभ्यास के लिए करने की सहमति जता दी।
इसके बाद रोटावेटर से खेत के चारों ओर रनिंग ट्रैक बनाया और खेत का कुछ हद तक समतल करने का काम करीब 25 युवाओं ने खुद ही कर डाला। युवाओं ने आपस में चंदा कर मैदान में कसरत करने के लिए लकड़ी के ढांचे भी लगा दिए। बंडा के थाना प्रभारी मनोज कुमार ने 20 नवंबर को युवाओं के प्रैक्टिस ग्रांउड का फीता काटकर शुभारंभ किया।
मैदान को समतल करने के लिए उन्होंने छोटा रोलर भी उपलब्ध कराया। इसके बाद युवाओं ने अभ्यास भी शुरू कर दिया है। तैयारियों में जुटे युवाओं का कहना है कि मैदान को समतल करने के लिए कुछ समय के लिए रोलर उपलब्ध हो जाए तो रनिंग ट्रैक समतल हो जाएगा, इससे उन्हें दौड़ में काफी सुविधा होगी।
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बंडा में खेल मैदान न होने के कारण दौड़ की प्रैक्टिस हाईवे पर करनी पड़ती थी। इससे बड़ा खतरा रहता था। आए दिन हो रहे हादसों के बारे में पढ़कर मैदान में प्रैक्टिस का विचार आया। खाली खेत मिल गया है। यहां चंदा कर समतल करने के बाद अभ्यास शुरू कर दिया है।
राघवेंद्र सिंह, बंडा
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अभी बंडा और आसपास के सात गांवों से 25 युवा मैदान में आ रहे हैं, लेकिन यह संख्या बढ़ेगी। किसी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। जो भी व्यवस्थाएं की गई हैं, वह युवाओं ने आपस में चंदा एकत्र कर किया है।
ऋषभ शुक्ला, बंडा
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सरकार को युवाओं के बारे में सोचना चाहिए। खेल और प्रैक्टिस मैदान ही नहीं होंगे तो पुलिस और सेना में जाने के इच्छुक युवा तैयारी कहां पर करें। गांव-गांव नहीं तो न्याय पंचायत स्तर पर खेल मैदान जरूर होने चाहिए।
दिव्यांशु अवस्थी, बंडा
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सरकार को युवाओं के लिए खेल मैदान की स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे अभ्यास करने में कोई दिक्कत नहीं हो। हाईवे पर दौड़ आदि के दौरान हादसे की आशंका रहती है। अभ्यास की कमी से भी तमाम युवा सेना और पुलिस में नहीं पहुंच पाते हैं।
अभिषेक सिंह, बंडा



बंडा में प्रैक्टिस ग्रांउड को सही करते युवक- फोटो : POWAYAN