सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए बीएड करने के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों के लिए रविवार का दिन मायूस करने वाला रहा। परीक्षा में शामिल होने के लिए दूर-दराज से आए परीक्षार्थी दुश्वारी से जूझे। सर्दी में कांपते हुए केंद्र पर पहुंचे, परन्तु एग्जाम शुरू होने के 35 मिनट के बाद ही आंसरशीट को वापस करना पड़ा। टीईटी परीक्षा स्थगित होने से परीक्षार्थियों के चेहरे मुरझा गए।
शाहजहांपुर में पहली पाली में जीएफ कालेज, एसएस कालेज, आर्य महिला डिग्री कालेज, आर्य कन्या कालेज, एसपी कालेज, इस्लामियां कालेज, सुदामा प्रसाद कालेज, जनता इंटर कालेज, देवी प्रसाद इंटर कालेज समेत 29 केंद्रों को सेंटर बनाया गया था। पहली पाली में 13438 परीक्षार्थियों ने अपनी किस्मत अजमाने के लिए नामांकन कराया था। सुबह दस बजे से सेंटरों पर परीक्षा का आगाज होना था। इसलिए सुबह सात बजे से ही परीक्षार्थियों का केंद्रों पर आना शुरू हो गया। जिले के ग्रामीण अंचलों और पड़ोसी जिलों से आए परीक्षार्थियों ने काफी दुश्वारियों को सहन किया। सुबह चार बजे से घर से निकल आए। सर्दी में कांपते हुए बसों, डग्गामार वाहनों, बाइकों से सेंटर पर पहुंचे। भीड़ में अपने रोल नंबर के जरिए कक्ष को तलाश किया। सख्त तलाशी के चक्र से गुजरे।
इसके बाद पेपर शुरू हुआ तो कुछ के चेहरे चमक उठे। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार पेपर बहुत बेहतर है और नंबर भी काफी अच्छे आ जाएंगे, लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया। टीईटी का पेपर आउट होने के बाद शासन ने परीक्षा ही निरस्त कर दी। शासन से डीएम के पास मैसेज को डीआईओएस को फारवर्ड कर दिया गया। उसके बाद डीआईओएस ने सेंटर पर फोन करना शुरू किया। जिविनि का कॉल पहुंचने के बाद ही केंद्रों पर आंसर शीट को वापस लेना शुरू कर दिया। किसी के पांच तो कोई आठ प्रश्नों के गोले काले कर पाया था, लेकिन 35 मिनट के अंतर में सभी से आंसरशीट वापस लेकर घर जाने का आदेश सुना दिया गया।