जलालाबाद। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए जमीन उपलब्धता में आड़े आ रहे विभिन्न तरह के विवादों की सुनवाई के लिए दूसरे दिन भी प्रयास जारी रहे। बुधवार को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्रधिकरण (यूपीडा) के राजस्व अधिकारी ओमकार नाथ वर्मा खंडहर इलाके के चमरपुर खुर्द गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए।
इस विद्यालय में ननियुरा, डरी गुलाऊ, गिरधरपुर, लेहि तथा चमरपुर कलां के ग्रामीण शामिल हुए। ओमकार नाथ वर्मा ने बताया कि लगातार दो दिन चली जनसुनवाई में लोगों की समस्या की पड़ताल की गई। इन सभी पर सामूहिक हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ज्यादातर बैनामे सहमति के आधार पर हों, इसकी पूरी कोशिश की जाएगी। इसके बाद भी जो जमीन छूट जाएगी सरकार उसकी अधिग्रहण की कार्यवाही कर कार्य को आगे बढ़ा देगी।
14 दिसंबर को दूसरे राजस्व अधिकारी इरफान उल्ला ने कलक्टरगंज, बिरिया कलां व चौरा खुर्द में जनसुनवाई की थी। जलालाबाद तहसील के एक्सप्रेस-वे के रास्ते में आने वाले 27 गांव में से करनापुर व उजेरा दो गांवों में शत प्रतिशत जमीनों के बैनामे हो चुके हैं, जबकि 22 अन्य गांवों में कुल 36 हेक्टेयर ऐसी जमीन विवादित है, जिनके बैनामे होने शेष हैं। 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस एक्सप्रेस-वे के प्रस्तावित शिलान्यास कार्यक्रम के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके चलते जमीन उपलब्धता का कार्य शत प्रतिशत पूरा करने की जिम्मेदारी यूपीडा पर है। संवाद