रांची. नक्सलियों के केन्द्रीय सदस्य और 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस (Naxal Prashant Bose) उर्फ किशन दा (Naxal Kishan Da) और उसकी पत्नी को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सरायकेला कोर्ट ले जाया गया. दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर रांची लाया गया था. नक्सलियों के भीष्म पितामह और माओवादियों के थिंक टैंक प्रशांत बोस की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, ऐसे में किशन दा और उसकी पत्नी से नक्सलवाद की जानकारियां निकालने के लिए दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर रांची लाया गया.
इसके बाद न सिर्फ झारखण्ड पुलिस बल्कि आईबी, सीबीआई, एनआईए सहित दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी इन दोनों बड़े नक्सलियों से पूछताछ की. इनसे हुई पूछताछ में कई अहम इन्फॉर्मेशन भी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगी है. जानकारी के अनुसार नक्सलियों के अर्थतंत्र के साथ आर्म्स सप्लाई के साथ-साथ वैसे सफेदपोश जिनके तार नक्सलियों से जुड़े है उनकी जानकारियां हाथ लगी हैं. वहीं इसके साथ ही नक्सलियों की रणनीति आने वाले भविष्य में क्या है और किस तरह से बड़ी घटनाओ को पूर्व में अंजाम दिया गया ये तमाम बातों को लेकर भी पूछताछ की गई.
कड़ी सुरक्षा
आपको बता दें कि पूछताछ के बाद दोनों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सरायकेला कोर्ट ले जाया गया. शीला मराण्डी को रिम्स से डिस्चार्ज कराकर एम्बुलेंस के जरिए सरायकेला ले जाया गया. पुलिस ने दोनों को अलग-अलग सुरक्षा बंदोबस्त के बाद सरायकेला कोर्ट भेजा. ग्रामीण एसपी रांची नौशाद आलम ने बताया की दोनों बड़े नक्सलियों की मूवमेंट को लेकर पुलिस के तरफ से भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी.
12 नवंबर को पुलिस गिरफ्त में आया था प्रशांत बोस
प्रशांत बोस उर्फ किशन दा को 12 नवंबर को सरायकेला खरसांवा स्थित कांड्रा इलाके से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद 14 नवंबर को किशन दा नामक इस नक्सली के साथ उनकी पत्नी शीला मराण्डी और 4 अन्य नक्सलियों जिसमे राजू टुडू, वीरेंद्र हांसदा, कृष्णा बाहन्दा, और गुरुचरण बोदरा को सरायकेला कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. हालांकि प्रशांत बोस से पुलिसिया पूछताछ को लेकर सरायकेला कोर्ट में आवेदन देकर रिमांड पर लिया गया और उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रांची लाया गया था.
नक्सलियों का थिंक टैंक
प्रशांत बोस बंगाल, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड रीजन के हर नक्सल गतिविधि में सक्रिय थिंक टैंक की भूमिका में था. डीजीपी नीरज सिन्हा ने मामले में पूर्व में बताया था कि पुलिस के हाथ काफी बड़ा इनपुट लगा है और आने वाले दिनों में प्रशांत बोस के साथ नक्सलियों के नापाक मंसूबो को लेकर कई बड़े खुलासे किए जाएंगे. ऐसे में प्रशांत बोस की 7 दिनों का रिमांड अवधि में पुलिस के अहम जानकारियां और हाथ लगी होंगी इससे इंकार नही किया जा सकता.