एसडीएम ने फैक्ट्री की जमीन को कृषि योग्य जमीन दिखाकर अपने नाम जमीन का पंजीयन कराया

फतेहाबाद. रतिया की बहुचर्चित रजिस्ट्री नम्बर 10429 के मामले में जीरकपुर निवासी अमृतपाल सिंह ने डीसी व एसपी को शिकायत देकर बताया है कि उसका फतेहाबाद रोड पर गैरमुमकिन क्षेत्र में कारखाना है जिस पर वह 28 वर्षों से काबिज है. फैमिली सेटलमैंट में यह कारखाना उनके हिस्से में आया था, मगर कारखाने का एक हिस्सा जमाबंदी में कांता देवी के नाम था. रतिया के एसडीएम (SDM) व एक बर्खास्त पुलिस कर्मचारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गलत इस्तेमाल कर 29 अक्तूबर को कांता देवी से अपनी पत्नियों के नाम रजिस्ट्री करवा ली. रजिस्ट्री (Registry) में कारखाने की जगह को काश्त की जमीन दिखाया है. कारखाना नगरपालिका क्षेत्र में था, लेकिन नगरपालिका से एनओसी लिए बगैर रजिस्ट्री करवा दी.

अमृतपाल का आरोप है कि जमीन की मार्केट वेल्यु 4 लाख रुपये प्रति मरला है, जबकि रजिस्ट्री 4 हजार रुपये प्रति मरला हुई है. अमृतपाल ने अधिकारियों को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया है कि एसडीएम उनके पास संदेश भिजवा कर ऐलान कर रहे हैं कि मैं जल्दी ही इस प्रोपर्टी का इंतकाल करवाऊंगा और फिर इसका कब्जा लूंगा.

अमृतपाल ने ज्ञापन में कहा है कि उसके साथ बड़ी नाइंसाफी हुई है. उन्होंने पूरे प्रकरण की गहन जांच की मांग करते हुए कहा है कि जब तक मामले की गहन जांच नहीं हो जाती, तब तक रजिस्ट्री को इम्पाउंड कर रजिस्ट्री रद्द की जाए तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

दरअसल, इस बारे में जब अमृतपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि रतिया में उनके परिवार की लक्ष्मी ऑयल एंड कॉटन फैक्टरी के नाम से 5 कनाल 16 मरले 17 सरसाई में जमीन थी. इस जमीन को परिवार ने आपस में नहीं बांटा और फैमिली सैटलमेंट के तहत रख लिया. लेकिन उनके हिस्से की जमीन को काश्त की जमीन दिखाकर बेच दिया गया. जबकि यह हिस्से की जमीन पर उनका हक था.

इस बारे में जब फतेहाबाद के डीसी महाबीर कौशिक से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि संबंधित रजिस्ट्री को फिलहाल इंपाउंड कर दिया गया है. इसकी स्टांप ड्यूटी में जो कमिया मिली हैं, उसकी जांच की जाएगी. आज अमृतपाल की ओर से शिकायत आई है और इसकी जांच सीटीएम को सौंप दी गई है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *