शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम में आयोजित रासलीला में मयूर नृत्य करते वृंदावन के कलाकर। संवाद
शाहजहांपुर। मुमुक्षु कार्तिक मेला के चौथे दिन सोमवार को पूरा मेला क्षेत्र भक्ति रस के साथ करुण, शृंगार और वीर रस से सराबोर हो गया। रासलीला के दौरान दिखाया कि द्वापर युग में राधा, राजा मुचकुंद को आदेश हुआ कि वह कृष्ण की भक्ति को आगे बढ़ाएं। तब जूनागढ़ के महाराजा मुचकुंद ने नरसी भगत का जन्म लिया। उसके दरिद्रता को समाप्त करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने उसकी पुत्री रामा को अनेकों उपहार देकर विदा किया।
भक्त नरसी का अपनों से ही उपहास देख जब कन्हैया उनकी बेटी को भाई बन भात पहनाया तो बांकेबिहारी के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। देवकीनंदन महाराज के निर्देशन में मयूर नृत्य के साथ रासलीला का शुभारंभ हुआ। कथाव्यास ने भक्त नरसी की कथा सुनाई। कलाकारों ने कथा प्रसंग के साथ ही लीला का भावपूर्ण मंचन किया।
डॉ. देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि लीला के समापन पर फूलों की होली खेली जाएगी। इससे पूर्व पुवायां विधायक चेतराम, मुख्य यजमान डॉ. प्रभात शुक्ला व डॉ. मीना शर्मा के साथ सह-यजमान डॉ. गौरव सक्सेना ने सपत्नीक राधा-कृष्ण की आरती उतारकर लीला की शुरुआत की। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद, डॉ. अवनीश मिश्र, ओम सिंह, डॉ. विकास खुराना, चंद्रभान त्रिपाठी तथा डॉ. आलोक सिंह उपस्थित रहे। संवाद