प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की दोपहर नोएडा के जेवर में दुनिया के चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रखी। बेहद कम समय में इसका निर्माण पूरा करने की योजना तैयार कर ली गई है। 2024 में यहां से पहली उड़ान शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने कहा कि एयरपोर्ट उत्तर भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। यहीं से देश विदेश के विमानों को सर्विस मिलेगी। आज भी 85 प्रतिशत विमानों को रिपेयरिंग आदि के लिए विदेश भेजते हैं। अब ये एयरपोर्ट इस स्थिति को भी बदलने में मदद करेगा। यह एयरपोर्ट शुरू होते ही यूपी पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
एयरपोर्ट बनने से एनसीआर के साथ ही पश्चिमी यूपी के जिलों मेरठ, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़ के लोगों को विदेशों में जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रुख नहीं करना पड़ेगा। इन जिलों से दिल्ली तक पहुंचने में करीब दो से तीन घंटे का समय लगता है। मेरठ के खेल उद्यमी, सर्राफा कारोबारी, हैंडलूम व्यापारी, बुलंदशहर के पॉटरी कारोबारी, मुजफ्फरनगर के गुड़ मंडी के लोगों को भी देश-विदेश के लिए सीधी उड़ान नहीं मिल पाती है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से वेस्ट यूपी के एक दर्जन से अधिक जिलों को सीधा लाभ होगा। विकास की रफ्तार तेज होगी। मेरठ में आईटी सेक्टर, खेल और ज्वेलरी उद्योग को चार चांद लग जाएंगे।
उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेवर में ‘नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे’ का शिलान्यास किया। pic.twitter.com/ovKxnG7EDE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2021
दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का अब तक सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। इसके बाद मुंबई और बेंगलुरु का एयरपोर्ट है, लेकिन अब क्षेत्रफल के हिसाब से यूपी का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत में सबसे बड़ा होगा। यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। पहले चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद पहली उड़ान सितंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड भी काफी कम हो जाएगा।
उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है। वहीं मेरठ, बुलन्दशहर से यह 50 किमी. के दायरे में आ जाएगा।
रैपिड रेल, एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ ही रैपिड रेल से भी होगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं।
रोजगार की असीम संभावनाएं
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीट्यूट, होटल-शॉपिंग मॉल, कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी योजना है। इससे करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि अन्य कारोबारी सहित किसानों के भी दिन बहुरेंगे। करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
इन जिलों को विशेष लाभ
जेवर एयरपोर्ट से वेस्ट यूपी के करीब 30 जिलों सहित हरियाणा के करीब तीन जिलों में विकास को पंख लगेंगे। वेस्ट यूपी के बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, बदायूं, मुरादाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा आदि जनपदों के निवासियों को विशेष लाभ होगा। वहीं, हरियाणा के जेवर से सटे जिले फरीदाबाद, पलवल और वल्लभगढ़ के लोगों को भी सहूलियत होगी।
इन उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
जेवर एयरपोर्ट की करीब 69 फर्मों को लगभग 146 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन दी गई है। बुलंदशहर के खुर्जा के पॉटरी उद्योग, अलीगढ़ के ताला, मेरठ के कैंची और स्पोर्ट्स, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, मुजफ्फरनगर के गुड़-खांडसारी, सहारनपुर के काष्ठ कला कारोबार को पंख लगेंगे। देश ही नहीं विदेशों से भी कारोबारी यहां आवागमन की सुविधा होने पर आसानी से आ-जा सकेंगे।