स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में एनसीसी दिवस पर अमर शहीद सारज सिंह की मां परमजीत कौर को सम्मान?
– फोटो : SHAHJAHANPUR
ख़बर सुनें
शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के सभागार में एनसीसी दिवस मनाया गया। हाल ही में वीरगति को प्राप्त हुए शाहजहांपुर के अमर शहीद कीर्तिशेष सारज सिंह के परिजन का सम्मानित किया गया। प्रत्येक वर्ष नवंबर के आखिरी सप्ताह में एनसीसी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 3/25 यूपी कंपनी ने इस दिवस को परंपरा से हटकर शहीद के परिवारीजनों के साथ मनाने का निर्णय लिया।
मुख्य अतिथि व शहीद सारज सिंह की मां परमजीत कौर को लेफ्टिनेंट कर्नल विजय कुमार मिश्र, महाविद्यालय सचिव डॉ. अवनीश मिश्र तथा एएनओ डॉ. आलोक कुमार सिंह ने स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र व उपहार देकर सम्मानित किया। पूर्व में सभी अतिथियों ने अमर शहीद सारज सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस दौरान शहीद की माता ने सारज सिंह से जुड़े संस्मरणों को सुनाते हुए कहा कि मेरे तीनों पुत्र भारतीय सेना में हैं। सारज हमेशा कहता था कि मां मुझे इतना मोह में मत डालो कि जरूरत पड़ने पर अपनी मातृभूमि के लिए आत्म बलिदान करते समय मेरे पैर डगमगाने लगे। विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल विजय कुमार मिश्र ने कहा कि प्रत्येक कैडेट को यह बात याद रखनी चाहिए की उनके जीवन में अनुशासन एवं देशभक्ति की भावना ही वह चीज है, जिसके कारण एनसीसी का देश में विशिष्ट स्थान है।
डॉ. अवनीश मिश्र ने कहा कि हमारा महाविद्यालय शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सामाजिक दायित्व के निर्वहन में अपना योगदान देता रहा है। एनसीसी यूनिट प्रभारी डॉ. आलोक कुमार सिंह के निर्देशन में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। उनके विजेताओं के पुरस्कृत किया गया। निबंध लेखन में कैडेट स्वाति को प्रथम, सलोनी को द्वितीय तथा ऋतु को तृतीय स्थान मिला।
पोस्टर प्रतियोगिता में मुस्कान तथा उत्कर्ष को क्रमश: प्रथम तथा द्वितीय स्थान जबकि विपिन तथा श्वेता को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान मिला। भाषण प्रतियोगिता में आकांक्षा तथा श्रुति तिवारी विजयी रहे। इस अवसर पर कैडेटों द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कैडेट प्रिन्शी, कोमल, शिखा, संध्या, ऋतिक मिश्र ने देशभक्ति पर आधारित गीत और डांस द्वारा सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में डॉ. शिशिर शुक्ला ने शहीद परिवार पर स्वरचित कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आदर्श पांडेय तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास खुराना ने किया।