सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने अपने पुराने शिष्य आनंद गिरि को आत्महत्या के लिए ठहराया था दोषी, लिखा था सम्मान से बड़ा कुछ नहीं , सीबीआई की चार्जशीट में सुसाइड नोट सबसे बड़ा आधार बना, राइटिंग एक्सपर्ट ने कराई गई थी जांच। पूछताछ में अधिकांश लोगों ने बयान दिया कि नरेंद्र गिरि का आनंद गिरि के अलावा और किसी से कोई विवाद नहीं था।
महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड प्रकरण में जब सीबीआई जांच करने पहुंची तो सुबूत के नाम पर सिर्फ सुसाइड नोट और सुसाइड से पहले बनाया गया वीडियो था। इन्हीं दोनों के आधार पर जांच शुरू हुई। राइटिंग एक्सपर्ट ने जांच के बाद इस बात की पुष्टि की थी कि सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि की ही राइटिंग थी। जांच के दौरान सीबीआई को कई ऑडियो क्लिप भी मिले थे। इन सब सुबूतों के आधार पर सीबीआई ने शनिवार को सीजेएम की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी।
महंत नरेंद्र ने सुसाइड से पहले न केवल वीडियो बनाया बल्कि 14 पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा था। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी पूरी पीड़ा बयान करते हुए लिखा था कि सम्मान से बड़ा कुछ नहीं। उन्होंने पूरा जीवन शान से जिया लेकिन आनंद गिरि ने उन्हें बदनाम कर दिया है। उसने उनकी फोटो एडिट कर किसी महिला के साथ उनका वीडियो बनाया है। वह इसे वायरल करने वाला है। इस बात का पता लगने के बाद वह बेचैन हैं। वह कितने लोगों को समझाएंगे। उन्होंने साफ साफ लिखा कि वह खुदकुशी करने जा रहे हैं। उनकी आत्महत्या के पीछे आनंद गिरि है।