आर्कटिक सागर में लंबा ‘जाम’, 30 सेंटीमीटर मोटी बर्फ में फंसे 24 जहाज; अरबों के नुकसान की आशंका

नई दिल्ली: आर्कटिक समुद्र (Arctic Sea) के जरिए यूरोप और एशिया तक पहुंचने का सपना देखने वाले रूस (Russia) की कोशिशों को फिलहाल बड़ा झटका लगा है. मास्को टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक रूस के समुद्री तट के नजदीक समये से काफी पहले मौसम बिगड़ने से 24 जहाज समुद्री बर्फ में फंस गए हैं. राहत और बचाव की कई कोशिशें के बावजूद इस समुद्री रूट पर भीषण जाम लगा है.

नार्दन सी रूट बंद 

मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान से पहले भारी बर्फबारी की वजह से इतनी बड़ी तादाद में जहाज फंसने से पूरा  पूरा नार्दन सी रूट बंद हो गया है. जिसके बाद रास्ता साफ कराने के लिए मास्को की ओर से बर्फ काटने वाले दो आइस ब्रेकर जहाजों के साथ राहत सामग्री पहुंचाई गई है. मौके पर फंसे जहाजों को मूव कराने के लिए लगातार काम चल रहा है. आपको बता दें कि रूस ने इस नार्दन सी रूट के रास्‍ते को खोलने के लिए बड़ी रकम खर्च की है.

पूर्वानुमान पर उठे सवाल

रूसी न्यूज़ एजेंसी तास के मुताबिक मौसम (Weather) का सही अनुमान नहीं लग पाने की वजह से आर्कटिक में ये जाम लगा. दरअसल रूसी अधिकारियों ने पहले कहा था कि यह रूट पूरे नवंबर महीने तक सामान्य रहेगा. इसकी वजह यह थी कि ग्‍लोबल वार्मिंग की वजह से पिछले कुछ सालों में यहा जमने वाली बर्फ काफी देर से जम रही थी.

इस बार नार्दन सी रूट का बिजनेस देखने वाले सरकारी अधिकारी और संचालक अक्‍टूबर के आखिर में ही लापटेव सागर और पूर्वी साइबेरियन सी में बर्फ जमने की शुरुआत से हैरान हो गए थे.

रूस का मास्टर स्ट्रोक

मास्को की ओर से हालात संभालने की हर संभव कोशिश हो रही है. रूस अब अपने दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले जहाजों को भेज रहा है जो करीब 11 इंच मोटी बर्फ को तोड़ते हुए जहाजों के निकलने के लिए रास्‍ता बनाएंगे. इसके बाद भी इस बात का खतरा मंडरा रहा है कि यहां फंसे कुछ जहाज आने वाले कई महीनों तक फंसे रह सकते हैं.

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