कृषि कानून वापसी के एलान पर बोलीं कुमारी सैलजा: किसानों पर सरकार ने किए अत्याचार, पीएम मोदी मांगें माफी

सोनीपत में सरकार के फैसले को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सही बताया। उन्होंने कहा कि यह किसानों और मजदूरों की जीत है, जिसने सरकार को झुका दिया। किसानों को सरकार ने उकसाया, लेकिन उन्होंने शांतिपूर्वक अपना आंदोलन चलाया। सरकार ने किसानों पर लाठियां बरसाईं, लेकिन किसान अत्याचार सहते रहे। अच्छा होता प्रधानमंत्री किसानों से माफी मांगते। आंदोलन में किसानों ने अपनी शहादत भी दी। पीएम को उनसे माफी मांगनी चाहिए। सैलजा ने कहा कि यह फैसला किसानों के संयम की जीत है। राहुल गांधी शुरू से ही इन कानूनों के विरोध में थे।

सिरसा में किसानों ने बांटे लड्डू
सिरसाः गुरु नानक देव जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के एलान से किसानों में खुशी की लहर है। सिरसा में लड्डू बांटकर किसानों द्वारा खुशी मनाई गई। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता लखविंद्र सिंह ने कहा कि समस्त किसान प्रधानमंत्री के इस एलान का स्वागत करते है। अगर प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है, तो यह कोई 15 लाख रुपये का जुमला नहीं होना चाहिए। अभी वो अपना धरना नहीं उठाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बैठक रखी जाएगी, उसमें धरना उठाने का फैसला लिया जाएगा।

यह जीत किसान और मजदूरों की एकता की है। सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं, मगर जब तक संवैधानिक प्रक्रिया से कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक हमारा आंदोलन और धरने जारी रहेंगे।
-राजू मान, किसान नेता, कितलाना टोल, भिवानी

आंदोलन में 700 किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन किसानों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। आंदोलन का आगे का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर किया जाएगा।
-बलवंत नंबरदार, किसान नेता और फौगाट खाप के प्रधान, भिवानी

यह आंदोलन सिर्फ किसी कानूनों को वापस लेने को लेकर नहीं था। एमएसपी की गारंटी और अन्य कई मांगें अभी सरकार द्वारा मानी जानी बाकी हैं। सरकार उन मांगों पर भी जल्द निर्णय ले। अभी हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
-नरसिंह डीपीई, सचिव, सांगवान खाप-40, भिवानी

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *