शाहजहांपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर बरेली मोड़ के आगे नवादा चौराहा पर बिना किसी संकेतक के तेज रफ्
शाहजहांपुर। लखनऊ-दिल्ली हाईवे को बरेली-सीतापुर के बीच फोरलेन बनाने के लिए जनपद की सीमा में हाईवे के हिस्से पर कई जगह निर्माण कार्य अभी अधूरा पड़ा है। हालांकि बीते तीन माह के दौरान तिलहर में सरऊ नाला बाईपास से लेकर बरेली मोड़ तक ओवरब्रिज यातायात को खोले जा चुके हैं, लेकिन उनकी अप्रोच रोड और सर्विस रोड मिलाने वाले ठिकानों समेत कई मोड़ यातायात के लिहाज से खतरनाक बने हुए हैं।
बरेली मोड़ से लेकर जमुका दोराहा तक हाईवे पर ऐसे कई ठिकाने हैं, जो आने वाले दिनों में कोहरा छाने के दौरान एक्सीडेंट जोन बन सकते हैं। जमुका दोराहा से लेकर आगे रिंग रोड तिराहा तक हाईवे खस्ताहाल पड़ा है, जबकि इसी स्थान पर हुई भीषण दुर्घटना में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
नवादा चौराहा पर नहीं समझी संकेतक लगाने की जरूरत
जब से बरेली मोड़ का ओवरब्रिज यातायात के लिए खोला गया है, हाईवे पर दोनों दिशाओं से आने वाले वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है। इससे पहले वाहन चालकों को बरेली मोड़ की जर्जर सर्विस लेन पर धीमी गति से निकलना पड़ता था। इस कारण बरेली मोड़ से रोजा की ओर बढ़ते ही बमुश्क्लि 500 मीटर फासले पर स्थित नवादा चौराहा तक वाहनों की रफ्तार धीमी रहती थी, लेकिन अब इस चौराहे से हाईवे से आने वाले लोगों को नवादा या फिर चांदापुर जाने के लिए मुड़ना कठिन हो रहा है। वहां न तो स्पीड ब्रेकर बनाया गया और न ही हाईवे पर दोनों ओर दौड़ने वाले वाहनों के लिए कोई संकेतक लगाया गया है। कोहरा का प्रकोप बढ़ने पर यहां हादसे की आशंका भी बढ़ जाएगी।
मिट्टी के ढेर में दब गई हाईवे की अधूरी लेन
हाईवे पर नवादा चौराहा से हरदोई रोड चौराहा की ओर बढ़ने पर खन्नौत पुल के आगे हाईवे का यातायात केवल दो लेन पर हो रहा है। निर्माणाधीन लेन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की कार्यदायी संस्था के ठेकेदार ने वहां मिट्टी का ढेर लगवा दिया। मिट्टी अधूरी लेन को घेरने के साथ वहां से गुजरने वाले वाहनों के टायरों के जरिए रोड पर आ रही है। इससे सीतापुर की ओर से आने वाले वाहनों को वहां दायीं ओर मुड़ना पड़ रहा है। कोहरा छाए होने की दशा में वहां विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों में सीधी भिड़ंत होने का खतरा मंडरा रहा है। ठेकेदार के श्रमिक हरदोई चौराहा के पास निर्माण कार्य में जुटे हैं, लेकिन संभावित दुर्घटना स्थल वाले इस ठिकाने की अनदेखी की जा रही है।
अधूरे गर्रा पुल का तीन साल से रुका निर्माण कार्य
करीब दस साल पहले बने बरेली मोड़ बाईपास के साथ ही फोरलेन को मंजूरी मिलने पर गर्रा नदी पर डबल लेन वाले अतिरिक्त पुल का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। शुरुआत मेें पुल के कंक्रीट पिलर बनाने का काम तेजी से चला। तीन साल पहले पिलर्स पर क्रेन से भारी-भरकम गर्डर रख दिए गए, लेकिन तब से पुल अधूरा बना पड़ा है। पुल के ढांचे के ऊपरी हिस्से को जोड़ने वाली लोहे की मोटी चादरें और लोहे का अन्य सामान पुल के पास रोड के किनारे लावारिस हाल में लंबे समय से पड़ा है और उसके आसपास झाड़ियां उग आई हैं। पुल के दोनों ओर अभी तक मिट्टी का भराव तक नहीं हो सका है और उसके दोनों ओर गहरी खाई बन गई हैं। फिलहाल वहां पर डायवर्जन के संकेतक लगाकर सारा ट्रैफिक बाईपास की डबललेन पर दौड़ रहा है। इसी पुल के पास वाहनों के भिड़ने से कई बार जाम लग चुका है।
एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देशित कर बरेली मोड़ का ओवरब्रिज यातायात के लिए चालू कराया जा चुका है। हरदोई मोड़ बाईपास चौराहा से लेकर रोजा मंडी तक जाम आशंका मिटाने के लिए अवशेष निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। फोरलेन और पुलों के काम की निरंतर समीक्षा हो रही है। संबंधित अधिकारियों को हाईवे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए रास्ते के सभी चौराहों, तिराहों और खतरनाक मोड़ों पर रेडियम वाले संकेतक लगाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। – रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन



शाहजहांपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे के बाईपास पर गर्रा नदी का निर्माणाधीन पुल। संवाद- फोटो : SHAHJAHANPUR



शाहजहांपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर रॉयन इंटरनेशनल स्कूल के सामने मिट्टी के ढेर से घिरी हाईवे की – फोटो : SHAHJAHANPUR