मनोहर लाल ने शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि निर्णय को चुनावों से जोड़कर न देखा जाए। किसान चिंता न करें और प्रधानमंत्री पर विश्वास बनाए रखें। उन्होंने कानूनों को वापस लेकर एक बार फिर उदार चरित्र को दिखा दिया है।
वास्तव में इससे उनका कद और बढ़ा है। जिस मामले में आपसी समझ बनती है, उन पर विचार किया जाता है। कुछ मामले सामान्य होते हैं, जबकि कुछ गंभीर धाराओं में दर्ज किए जाते हैं। अब अपनी ओर से सार्थक पहल की जाएगी और किसी भी प्रकार के विवाद को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
यह फैसला एकदम से नहीं लिया गया है। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही थी। इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। हरियाणा में किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा, हरियाणा को इस आंदोलन के बड़े प्रभाव का सामना करना पड़ा है और इस एक वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री, वरिष्ठ नेताओं और यहां तक कि किसान यूनियन के साथ भी कई बैठकें की। उनके प्रयासों ने भी इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विपक्ष ने भी प्रधानमंत्री पर भरोसा दिखाया है। अगर अब भी कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं और इस निर्णय पर अविश्वास दिखा रहे तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने दिखा दिया कि जब भी जनकल्याण की बात आती है, तो वह जनहित को सर्वोपरि रखते हुए ऐसे निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटते। एमएसपी के संबंध में भी निर्णय जल्द आ जाएगा।