शाहजहांपुर में मरम्मत के लिए खोदा गया लालबाग चौराहा-रोजा चीनी मिल मार्ग। संवाद
शाहजहांपुर/रौसर कोठी। रोजा चीनी मिल तक गन्ना की पहुंच आसान बनाने के लिए गन्ना विभाग के ठेकेदार ने पिछले साल लालबाग चौराहा से मिल गेट तक दलदल की अनदेखी कर उसी पर रोड बना डाली। पेराई सीजन शुरू होने पर गन्ना से लोड ट्रैक्टर ट्रॉलियां और डनलप बुग्गी निकलनी शुरू हुईं तो रोड धंस गई और नाला भी चौपट हो गया।
सरायकाइयां से सीतापुर हाईवे पर जुड़ने वाला दूसरा वैकल्पिक मार्ग संकरा होने से वहां गन्ना की ट्रॉलियां फंसने से अक्सर जाम लगता है। 50 लाख रुपये की लागत से बने मार्ग के ठेकेदार का आंशिक भुगतान रोककर क्षतिग्रस्त हिस्से को दोबारा बनाने के निर्देश दिए हैं। रोजा गन्ना विकास परिषद की ओर से हरदोई रोड के लालबाग चौराहे से चीनी मिल जाने वाले रोड का गत वर्ष निर्माण कराया था।
बारिश में रोड पर जलभराव खत्म करने के लिए दो वर्ष पहले नाला भी बनाया था। तब रौसर निवासी भाजपा नेता श्याम बाबू दीक्षित ने नाला निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए तो तत्कालीन जिला गन्ना अधिकारी ने विभाग के अधिशासी अभियंता को बुलाकर नाला निर्माण की खामियां दूर कराईं थीं। इस वर्ष पहले मानसून सीजन और बाद में गत माह हुई भारी वर्षा के दौरान नाला उफनाने से हुए जलभराव से रोड का करीब 600 मीटर हिस्सा जलभराव से टूट गया।
चूंकि, इसी मार्ग से गन्ना लेकर वाहन गुजरते हैं। इसलिए मिल के पेराई सत्र को ध्यान में रखते हुए गन्ना विभाग ने विभाग के एक ठेकेदार सड़क का क्षतिग्रस्त हिस्सा बनाने के निर्देश दिए। ठेकेदार ने जलभराव वाले हिस्से की रोड के नीचे की नम मिट्टी निकालने के बजाय उसी पर पहले गिट्टी डलवा दी और बाद में बजरी-कोलतार से सड़क बनाकर तैयार कर दी। रोड के इस हिस्से से गन्ना की ट्रॉलियां निकलनी शुरू हुईं तो उनके बोझ से नीचे की दलदली मिट्टी दबने से रोड भी धंसने लगी और उस पर गहरे गड्ढे हो गए।
स्थानीय लोगों से रोड धंसने की सूचना पाकर जिला गन्ना अधिकारी ने ठेकेदार को रोड दोबारा बनाने के निर्देश दिए। ठेकेदार के श्रमिक गत 14 व 15 नवंबर को रोड खोदकर चले गए। अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किए जाने पर ठेकेदार ने रविवार को कुछ मजदूरों के साथ मरम्मत का कार्य शुरू कराया। सड़क निर्माण कार्य धीमी गति से होने के कारण किनारे आसपरास के लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल है।
उन्हें अपने वाहन दूसरों के घरों में खड़े करने पड़ते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क टूटने की वजह नीचे पानी की पाइप लाइन लीक होना बताया जा रहा है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, क्योंकि घटिया सामग्री उपयोग किए जाने से सड़क धंस गई। इधर, ठेकेदार का कहना है कि सड़क का क्षतिग्रस्त हिस्सा इसलिए खोदकर वहां की मिट्टी बाहर निकाली गई, ताकि वह सूख जाए और दोबारा बनाई जा रही सड़क मजबूत रहे।