Damage Bus – ठंड से ठिठुरते हुए सफर को मजबूर बस के यात्री

शाहजहांपुर में परिवहन निगम के डिपों में खड़ी बगैर लाइट की बस । संवाद

शाहजहांपुर। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक परिवहन निगम ने कोहरा और ठंड से बचाव के इंतजाम नहीं किए हैं। रोडवेज की बसों में फॉग लाइटें नहीं लगी है। खिड़कियों के शीशे ढीले होने के कारण हवा लगने से यात्री ठिठुरते हुए यात्रा करने को मजबूर हैं।
रोडवेज के बेड़े में निगम की 112 बसें हैं, इनमें ज्यादातर की बॉडी गल चुकी है, खिड़की और दरवाजों के शीशे ढीले हो गए हैं। सीटों की गद्दियां फट चुकी हैं। टायर घिसने से बार-बार पंचर होते रहते हैं। इन सबके बावजूद बसें सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं और रोजाना हजारों रुपये का मुनाफा परिवहन निगम को उपलब्ध कराती हैं, लेकिन उनकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रोडवेज यात्रियों को जान जोखिम में डालकर और ठंड से ठिठुरते हुए सफर करना पड़ता है।
रात को ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा पड़ने लगा है, लेकिन निगम की बसों में फॉग लाइटें तक नहीं लगाई गई हैं। खिड़कियों के शीशे ढीले होने की वजह से बार-बार खुल जाते हैं और सीधे हवा लगने से यात्री ठिठुरते हुए यात्रा करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी बसों की खिड़कियों के शीशे लगे हुए हैं, ढीले होने पर उनको सही करा दिया जाता है। अधिकांश बसों में फॉग लाइटें लग गई हैं, शेष में ही जल्द ही लगवा दी जाएगी।
जिस बस में सफर करता आया हूं, उसकी खिड़कियों पर शीशे ढीले होने के कारण बार-बार खुल रहे थे। रोड पर बस दौड़ते समय खिड़की खुलने से सर्द हवा सीधी यात्रियों को लग रही थी। इस कारण काफी समस्या हुई। – तजीम खां, यात्री
पढ़ने के लिए रोजाना ही बस से आना-जाना रहता है। रोडवेज की बसों में साफ-सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता है। आने-जाने का समय भी तय नहीं है। फस्ट एड होना चाहिए, लेकिन किसी बस में दिखाई नहीं देता है।- फरदीन अहमद, यात्री
निगम की अपेक्षा अनुबंधित बसों की स्थिति बेहतर है। ठेकेदार द्वारा बसों के मेंटीनेंस पर ध्यान दिया जाता है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। निगम की बसें पुरानी होने की वजह से जल्दी खराब हो जाती हैं।- हरिपाल, चालक
बस में फस्ट एड का बॉक्स रहता है। यह जरूरी नहीं कि उसको ऊपर ही लगा कर रखा जाए। फस्ट एड में अगर कोई दवा या पट्टी कुछ नहीं होता तो हम लोग भी लेकर रख लेते हैं। रही बात मेंटीनेंस की बसों के टायर जल्दी खराब होते हैं। – रक्षपाल, चालक
निगम की 112 बसों में 100 चलने की हालत में हैं, 20-22 बसें मेंटीनेंस के लिए खड़ी हैं। इनके पार्टस आदि मिलते लगाकर ठीक करवा दिया जाता है। कोहरे के चलते 60 से 70 बसों में फॉग लाइटें लगवा दी हैं। जिन बसों में फॉग लाइट नहीं है, उनमें भी जल्द ही लगवा दी जाएगी।
– आरके गौतम, फोरमैन, रोडवेज डिपो।
परिवहन निगम की बसों के मेंटीनेंस पर ध्यान दिया जाता है। वर्कशॉप स्टाफ को निर्देशित किया है कि बसों में फॉग लाइटें और खिड़की-दरवाजों को ठीक कर लिया जाए। बिना शीशे की कोई बस नहीं दिखेगी। फॉग लाइट और रिफ्लेक्टर लगाने का काम भी चालू कर दिया गया है। सभी बसों में फस्ट एड की व्यवस्था रहती है।
– एसके वर्मा, एआरएम
पुवायां। पुवायां बस स्टैंड से रोजाना लगभग 20 बसें गुजरती हैं। सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद भी कई बसों में शीशे टूटे हुए हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बसें जर्जर हालत में हैं। मजबूरन यात्री डग्गामार वाहनों में यात्रा करना पसंद करते हैं। इस कारण रोडवेज को भारी घाटा भी होता है, लेकिन इसके बाद भी सुधार की जरूरत नहीं समझी जाती है। व्यवस्थापक करनैल सिंह ने बताया कि पुवायां से शाहजहांपुर, खुटार, गौरीफंटा, जोगराजपुर, पूरनपुर, पीलीभीत, बिलसंडा, निगोही, फर्रुखाबाद, बंडा, बरेली, जयपुर, अजमेर, दिल्ली, मथुरा के लिए जाती है। लगभग बीस बसें पुवायां से होकर गुजरती हैं। संवाद

पुवायां में खड़ी रोडवेज बस का टूटा शीशा

पुवायां में खड़ी रोडवेज बस का टूटा शीशा- फोटो : POWAYAN

शाहजहांपुर। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक परिवहन निगम ने कोहरा और ठंड से बचाव के इंतजाम नहीं किए हैं। रोडवेज की बसों में फॉग लाइटें नहीं लगी है। खिड़कियों के शीशे ढीले होने के कारण हवा लगने से यात्री ठिठुरते हुए यात्रा करने को मजबूर हैं।

रोडवेज के बेड़े में निगम की 112 बसें हैं, इनमें ज्यादातर की बॉडी गल चुकी है, खिड़की और दरवाजों के शीशे ढीले हो गए हैं। सीटों की गद्दियां फट चुकी हैं। टायर घिसने से बार-बार पंचर होते रहते हैं। इन सबके बावजूद बसें सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं और रोजाना हजारों रुपये का मुनाफा परिवहन निगम को उपलब्ध कराती हैं, लेकिन उनकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रोडवेज यात्रियों को जान जोखिम में डालकर और ठंड से ठिठुरते हुए सफर करना पड़ता है।

रात को ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा पड़ने लगा है, लेकिन निगम की बसों में फॉग लाइटें तक नहीं लगाई गई हैं। खिड़कियों के शीशे ढीले होने की वजह से बार-बार खुल जाते हैं और सीधे हवा लगने से यात्री ठिठुरते हुए यात्रा करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी बसों की खिड़कियों के शीशे लगे हुए हैं, ढीले होने पर उनको सही करा दिया जाता है। अधिकांश बसों में फॉग लाइटें लग गई हैं, शेष में ही जल्द ही लगवा दी जाएगी।

जिस बस में सफर करता आया हूं, उसकी खिड़कियों पर शीशे ढीले होने के कारण बार-बार खुल रहे थे। रोड पर बस दौड़ते समय खिड़की खुलने से सर्द हवा सीधी यात्रियों को लग रही थी। इस कारण काफी समस्या हुई। – तजीम खां, यात्री

पढ़ने के लिए रोजाना ही बस से आना-जाना रहता है। रोडवेज की बसों में साफ-सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता है। आने-जाने का समय भी तय नहीं है। फस्ट एड होना चाहिए, लेकिन किसी बस में दिखाई नहीं देता है।- फरदीन अहमद, यात्री

निगम की अपेक्षा अनुबंधित बसों की स्थिति बेहतर है। ठेकेदार द्वारा बसों के मेंटीनेंस पर ध्यान दिया जाता है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। निगम की बसें पुरानी होने की वजह से जल्दी खराब हो जाती हैं।- हरिपाल, चालक

बस में फस्ट एड का बॉक्स रहता है। यह जरूरी नहीं कि उसको ऊपर ही लगा कर रखा जाए। फस्ट एड में अगर कोई दवा या पट्टी कुछ नहीं होता तो हम लोग भी लेकर रख लेते हैं। रही बात मेंटीनेंस की बसों के टायर जल्दी खराब होते हैं। – रक्षपाल, चालक

निगम की 112 बसों में 100 चलने की हालत में हैं, 20-22 बसें मेंटीनेंस के लिए खड़ी हैं। इनके पार्टस आदि मिलते लगाकर ठीक करवा दिया जाता है। कोहरे के चलते 60 से 70 बसों में फॉग लाइटें लगवा दी हैं। जिन बसों में फॉग लाइट नहीं है, उनमें भी जल्द ही लगवा दी जाएगी।

– आरके गौतम, फोरमैन, रोडवेज डिपो।

परिवहन निगम की बसों के मेंटीनेंस पर ध्यान दिया जाता है। वर्कशॉप स्टाफ को निर्देशित किया है कि बसों में फॉग लाइटें और खिड़की-दरवाजों को ठीक कर लिया जाए। बिना शीशे की कोई बस नहीं दिखेगी। फॉग लाइट और रिफ्लेक्टर लगाने का काम भी चालू कर दिया गया है। सभी बसों में फस्ट एड की व्यवस्था रहती है।

– एसके वर्मा, एआरएम

पुवायां। पुवायां बस स्टैंड से रोजाना लगभग 20 बसें गुजरती हैं। सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद भी कई बसों में शीशे टूटे हुए हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बसें जर्जर हालत में हैं। मजबूरन यात्री डग्गामार वाहनों में यात्रा करना पसंद करते हैं। इस कारण रोडवेज को भारी घाटा भी होता है, लेकिन इसके बाद भी सुधार की जरूरत नहीं समझी जाती है। व्यवस्थापक करनैल सिंह ने बताया कि पुवायां से शाहजहांपुर, खुटार, गौरीफंटा, जोगराजपुर, पूरनपुर, पीलीभीत, बिलसंडा, निगोही, फर्रुखाबाद, बंडा, बरेली, जयपुर, अजमेर, दिल्ली, मथुरा के लिए जाती है। लगभग बीस बसें पुवायां से होकर गुजरती हैं। संवाद

पुवायां में खड़ी रोडवेज बस का टूटा शीशा

पुवायां में खड़ी रोडवेज बस का टूटा शीशा- फोटो : POWAYAN

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