तिलहर पुलिस की गिरफ्त में बच्ची की हत्या के आरोपी दादा व चाची। संवाद
तिलहर (शाहजहांपुर)। पुलिस ने तिलहर थाना क्षेत्र के ग्वार गांव में दो साल की बच्ची प्रज्ञा की हत्या का खुलासा कर दिया है। बच्ची का दादा अपनी बहू (मां) को घर से निकालकर बेटे (पिता) की दूसरी शादी कराना चाहता था। इसलिए उसने उसने अपनी भाभी (चचिया दादी) के हाथों पोती की गला दबाकर हत्या करा दी थी। पुलिस ने दादा मुनेंद्र और चचिया दादी तेजवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ग्वार गांव के धीर सिंह की दो साल की बेटी प्रज्ञा 29 नवंबर को दोपहर करीब तीन बजे घर के बाहर खेलते हुए लापता हो गई थी। पुलिस ने बच्ची की गुमशुदगी दर्ज कर ली थी। पुलिस का दावा है कि आसपास के तालाब, खंडहर, नालों और मकानों की तलाशी ली गई थी, लेकिन प्रज्ञा का कुछ पता नहीं चला था। एसपी एस. आनंद ने फील्ड यूनिट, स्वान दस्ता, सर्विलांस और एसओजी को भी बच्ची की तलाश में लगाया था।
14 दिसंबर को पिता धीर सिंह के पुराने खंडहरनुमा मकान में बच्ची का सड़ा-गला शव मिला था। मां ऊषा देवी ने अपनी चचिया सास तेजवती पर हत्या का शक जताया था। बच्ची की लाश जिस प्लास्टिक की बोरी में मिली थी, उसे धीर सिंह ने पहचान लिया। धीर सिंह ने बताया कि इस बोरी का इस्तेमाल पशुओं को चारा डालने के लिए होता था। पुलिस ने परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर बच्ची के दादा मुनेंद्र और चचिया दादी तेजवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने हत्या की बात कबूल ली।
पुलिस के मुताबिक मुनेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे धीर सिंह की शादी ऊषा के साथ होने से खुश नहीं था। वह बेटे की दूसरी शादी ज्यादा दहेज लेकर करना चाहता था। इसी कारण मुनेंद्र सिंह और ऊषा व उसके मायके वालों से झगड़ा होता रहता था। मुनेंद्र ऊषा को किसी तरह से घर से निकालना चाहता था। मुनेंद्र के भाई बालिस्टर की पत्नी तेजवती ऊषा से इसलिए रंजिश रखती थी, क्योंकि घर का सारा हिसाब-किताब, रुपये, जेवर आदि ऊषा के पास ही रहता था। तेजवती परिवार से अलग होना चाहती थी, लेकिन ऊषा ऐसा नहीं होने दे रही थी। तेजवती अपने परिवार को लेकर 4-5 महीने से अलग मकान में रही थी, लेकिन परिवार के लोगों ने फिर उसे साथ में रहने को मजबूर कर दिया था।
इसी वजह से तेजवती ऊषा से नाराज रहती थी और उसके बच्चों को नुकसान पहुंचाकर अपना मकसद पूरा करना चाहती थी। मुनेंद्र और तेजवती ने बताया कि कुछ दिन पहले उन लोगों ने बच्ची की हत्या का षड्यंत्र रच लिया था। योजना के मुताबिक 29 नवंबर को तेजवती ने बच्ची को घर से बाहर से उठा लिया था। खंडहर में ले जाकर बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में प्लास्टिक की बोरी में शव रखकर खंडहर के अंदर के कमरे में डाल दिया। यह बात उसने मुनेंद्र को बताई तो मुनेंद्र ने बच्ची के शव को ईंट-पत्थर आदि से ढक दिया। एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी ने बताया कि आरोपियों के गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
खुलासे से परिवार संतुष्ट नहीं, वादी बदलने की मांग
प्रज्ञा के मामा कुंवरसेन ने बताया कि उसके बहनोई के पिता को फंसाकर पुलिस केस को खत्म करने का प्रयास कर रही है। मुकदमे का वादी उसका बहनोई धीर सिंह है, इसलिए वह पिता के खिलाफ बयान न देकर केस को खत्म करा देगा। उसकी बहन उषा देवी को मामले में वादी बनाया जाए। आरोप लगाया कि पुलिस शुरू से ही गांव के एक प्रभावशाली व्यक्ति के इशारे पर काम कर रही है। उसकी तथा बहन ऊषा की पुलिस ने आज तक नहीं सुनवाई नहीं की है। कुंवरसेन ने बताया कि तेजवती उसके मौसा की चचेरी बहन है। तेजवती ने ही धीर सिंह की शादी ऊषा से कराई थी। शादी में खूब दहेज भी दिया था। मुनेंद्र सिंह बेटे की दूसरी शादी बिल्कुल नहीं कराना चाहता।
प्रापर्टी के लालच में हत्या का आरोप
प्रज्ञा के मामा कुंवरसेन का यह भी आरोप है कि बच्ची की चाचिया दादी तेजवती तंत्र-मंत्र करती है। जब बहन ऊषा बच्ची के साथ मायके या कहीं और जाती थी तो चाची तेजवती उसके कपड़े चोरी कर लेती थी। उन्हीं कपड़ों के साथ तंत्र-मंत्र करती थी। आरोप यह भी है कि प्रज्ञा के पिता की खेती के लालच में तेजवती ने पति के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था। 29 नवंबर को बच्ची के लापता होने की सूचना देने जब तिलहर थाने गए थे तो उस समय भी तेजवती और उसके पति बालिस्टर पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की और न ही उनसे पूछताछ की। अगर समय रहते पुलिस उनसे पूछताछ कर लेती तो शायद बच्ची जिंदा होती। जिस खंडहर में बच्ची का शव मिला है, उस मकान में भी प्रज्ञा के पिता का हिस्सा है। आरोप है कि खेत और मकान हड़पने के लिए हत्या की गई है।