NASA says stubble burning is the main cause behind Delhis air pollution |पटाखे नहीं इस वजह से घुटा दिल्ली का दम, नासा ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा

वॉशिंगटन: दिवाली के बाद से दिल्ली (Delhi) में बढ़े प्रदूषण (Pollution) के लिए लगातार आतिशबाजी को कुसूरवार ठहराया जा रहा है, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ ने अपनी रिपोर्ट में इसके लिए पटाखे नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को दोषी माना है. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. इसके लिए सीधे तौर पर प्रतिबंधों के बावजूद दीपावली पर हुई आतिशबाजी को जिम्मेदार माना जा रहा है.

74,000 से अधिक हॉटस्पॉट मिले

NASA की रिपोर्ट में कहा गया है, 16 नवंबर तक ‘विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट (वीआईआईआरएस)’ सेंसर ने पंजाब में 74,000 से अधिक हॉटस्पॉट का पता लगाया. यह संख्या 2016 में सेंसर द्वारा खोजे गए 85,000 हॉटस्पॉट के लगभग बराबर ही है. 11 नवंबर को नासा ने पाया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उत्तर-पश्चिमी भारत में हवा की गुणवत्ता में तेज गिरावट आई है.

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PAK में लगी आग भी दोषी

अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि पराली जलाने की वजह से 11 नवंबर, 2021 को सुओमी एनपीपी उपग्रह पर वीआईआईआरएस ने पंजाब और हरियाणा में आग से उठने वाले धुएं का विशाल गुबार दिल्ली की ओर जाते देखा, जो भारत की सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है. नासा ने कहा कि पाकिस्तान में लगी आग ने भी इस धुएं में योगदान दिया.

2.2 करोड़ लोग हुए प्रभावित

नासा के ‘मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर’ में काम करने वाले पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने बताया कि अकेले 11 नवंबर को पराली जलाने से पैदा हुए धुएं से कम से कम 2.2 करोड़ लोग प्रभावित हुए. नासा के अनुसार, भारत की राष्ट्रीय राजधानी में सेंसर ने नवंबर में कई मौकों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर दर्ज किया गया, जो WHO द्वारा अनुशंसित 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से अधिक है.

अभी बनी रहेगी परेशानी

वहीं, नासा के एक्वा उपग्रह पर मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोमाडोमीटर का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक हिरेन जेठवा (Hiren Jethva) ने बताया कि इससे पहले गर्मियों में हमने 20 से अधिक वर्षों के रिकॉर्ड में सबसे बड़े अंतर वनस्पति सूचकांक (एनडीवीआई) को देखा था. उसके आधार पर, मैंने भविष्यवाणी की थी कि यह अब तक के सबसे सक्रिय आग के मौसमों में से एक होगा और ठीक यही हुआ भी है. उन्होंने कहा कि अभी पराली जलने का समय कुछ सप्ताह और रहेगा लेकिन एक्वा मोडिस ने पंजाब और हरियाणा में 17,000 से अधिक हॉटस्पॉट का अभी ही पता लगाया है. इसका मतलब है कि यह और भी बढ़ेगा.

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