शाहजहांपुर के एसएस कॉलेज में अमर उजाला की ओर आयोजित अपराजिता कार्यक्रम में उपस्थित छात्राएं। सं
शाहजहांपुर। एसएस कॉलेज में बुधवार को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कॉलेज के बीएड विभाग की छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान छात्राओं का साइकोलॉजिकल मेडिटेशन कराया गया। छात्राओं को मानसिक मजबूती के लिए टिप्स दिए गए। कार्यक्रम में साइकोलॉजिस्ट डॉ. रोहिताश ने कहा कि महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए।
शरीर की तरह हमारा मन भी बीमार हो सकता है और उसको पूरी देखभाल की जरूरत होती है। बोले कि हमें बुखार हो या सिरदर्द, किसी भी शारीरिक बीमारी के लक्षण दिखते ही हम तुरंत डॉक्टर से सलाह लेते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि शरीर की तरह हमारा मन भी बीमार हो सकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में हम इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते।
मेंटल हेल्थ को लेकर आज भी समाज में ऐसा धारणा बना हुआ है कि कई बार लोग इसके लक्षणों को जानबूझकर नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं, जो आगे चलकर किसी गंभीर मनोरोग का रूप धारण कर लेते हैं। इन लक्षणों का आभास स्वयं पीड़ित व्यक्ति को नहीं होता। ऐसी स्थिति में परिवार वालों और दोस्तों की यह जिम्मेदारी बनती है कि अगर उन्हें अपने आसपास किसी व्यक्ति में लक्षण दिखाई दें तो वे बिना देर किए उसे क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाएं। उन्होंने छात्राओं को साइकोलॉजिकल मेडिटेशन कराया। इस बीच छात्राओं ने सवाल भी किए, जिनका दिलचस्प जवाब दिया गया।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अपराजिता का मतलब होता है जो किसी से न हारे। कुछ भी प्राप्त करना है तो उसके लिए साहस, संतुलन और संघर्ष करने की क्षमता होना जरूरी है। बोले- जब मन से हार जाते हैं, तब ही दूसरा हराता है। इसलिए सबसे पहले मन को मजबूत करें। बीएड विभागाध्यक्ष डॉ. मीना शर्मा ने कहा कि छात्राओं को मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए यहां पर बताए गए तरीकों को अपनाना चाहिए।
अपराजिता कार्यक्रम में प्रतिभाग करके अच्छा लगा। डॉ. रोहिताश ने मन को शांत रखने के लिए काफी अच्छे तरीके से समझाया। उनके दिए टिप्स को जीवन में हमेशा अपनाएंगे।
– सेजल दीक्षित, छात्रा
शरीर से ही नहीं हमारा मन भी बीमार होता है, इसकी जानकारी अपराजिता कार्यक्रम में हुई है।तनाव हावी न हो पाए इसके लिए साइकोलॉजिकल मेडिटेशन बहुत अच्छा तरीका है। – सुनेहा मिश्रा, छात्रा
कुछ समस्याओं को लोग किसी से कह भी नहीं सकते और मन ही मन घुटते रहते हैं। ऐसे लोगों को साइकोलॉजिस्ट के पास जाने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। यह बात अच्छी लगी। – रंजना मिश्रा, छात्रा
अपराजिता कार्यक्रम में महिलाओं को जागरूक करने का जो काम किया जा रहा है, वह बहुत ही सराहनीय है। साथियों के साथ हमने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। बहुत ही अच्छा रहा। – रहमत जहां, छात्रा
खुद में साहस, संतुलन और संघर्ष करने की क्षमता होनी चाहिए। तभी हम किसी जंग को जीत सकते हैं। उनके इस कथन से बहुत कुछ सीखने को मिला है। ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए। – प्रज्ञा श्रीवास्तव, छात्रा
महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। कानून में भी महिलाओं को तमाम अधिकार मिले हैं, इसके बावजूद महिलाएं खुद को कमजोर समझती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। – उदय प्रभा, छात्रा



शाहजहांपुर के एसएस कॉलेज में अमर उजाला की ओर आयोजित अपराजिता कार्यक्रम में बोलते डॉ. रोहताश । संव- फोटो : SHAHJAHANPUR