यातायात माह में भी आगरा की यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। बंद कमरों में जो प्लान बने, वो फेल साबित हो रहे हैं।
कहीं टूटी तो कहीं लटकी हुई है ट्रैफिक लाइट
आगरा की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए बंद कमरों में बने प्लान फेल साबित हो रहे हैं। जाम की समस्या तो दूर, हाल यह है कि चौराहों पर ट्रैफिक लाइट न सिर्फ बंद पड़ी हैं, बल्कि कोई लटकी हुई हैं तो कोई टूटी पड़ी है। इन चौराहों पर पुलिस भी तैनात रहती है, लेकिन इनको ठीक कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
तत्कालीन आईजी नवीन अरोरा ने एक महीने पहले यातायात व्यवस्था में सुधार को प्लान बनाया था। दस चौराहे चिह्नित किए गए थे। ट्रैफिक स्क्वायड का गठन किया गया।
चौराहों से सौ मीटर दूर आटो-रिक्शा की पार्किंग, अनावश्यक खंभे हटाने, ग्रीन-रेड लाइट से ट्रैफिक संचालन, सड़क निर्माण, डिवाइडर सही कराने, जेब्रा क्रॉसिंग बनवाने पर जोर दिया गया। मगर, चौराहों पर इन समस्याओं का एक महीने बाद भी समाधान नहीं हो सका। आईजी के तबादले के बाद इन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।