फर्रूखाबाद के कायमगंज पुलिस स्टेशन के अंतर्गत 2003 में हुई थी घटना। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के खिलाफ हत्यारोपी ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी अपील।

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फर्रूखाबाद के 18 वर्ष पुराने मां-बेटी की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने हत्यारोपी पति/पिता की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी की ओर से पेश किए गए मानसिक स्थिति ठीक न होने के दावे को भी खारिज कर दिया। हत्यारोपी ने हाईकोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। सरकार की ओर से एजीए फर्स्ट मंजू ठाकुर ने पक्ष रखा।
मामला फरूखाबाद जिले के कायमगंज पुलिस स्टेशन के अंतर्गत इलाके का है। शैलेंद्र कुमार जैन ने कायमगंज थाने में 2003 में अपनी बहन मधु जैन और भांजी नवी जैन की हत्या करने के आरोप में बहनोई अनूप कुमार जैन उर्फ बबलू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
हत्यारोपी अनूप कुमार जैन उर्फ बबलू जैन ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि घटना से दो महीने पहले वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था और एफआईआर भी घटना के एक महीने 10 दिन बाद दर्ज कराई गई, लेकिन, कोर्ट ने अपीलकर्ता की ओर से दिए गए तर्कों को खारिज करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के फैसले को सही बताते हुए अपीलकर्ता की याचिका को खारिज कर दी।