पानीपत. विजिलेंस टीम ने बुधवार देर शाम खुलासा किया कि उन्होंने खनन विभाग के मुख्य लेखाकार को पचास हजार की रिश्वत (Bribe) के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार (Arrest) किया है. विजिलेंस को इसकी शिकायत काबड़ी रोड के रेत और मिट्टी का काम करने वाले ठेकेदार फूल कुमार ने की थी. शिकायत पर विजिलेंस ने टीम गठित की और ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर शिकायतकर्ता को बुलाकर छापामारी की. इस दौरान मुख्य लेखाकार को मौके से रिश्वत के रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
ठेकेदार का आरोप था कि अधिकारी उनसे परमिट देने और उनकी गाड़ियों को छुड़वाने के लिए अक्सर रुपयों की मांग कर रहा था. इसके लिए उस पर कई बार दबाव भी बनवाया गया. पैसे न देने की एवज में उसकी गाड़ियों को इंपाउंड तक करवा दिया जाता था.
शिकायतकर्ता फूल कुमार ने बताया कि उसका रेत और मिट्टी बिक्री का काम है. इसमें उसके कई वाहन चलते हैं, जिसमें से कुछ डंपर भी हैं. इस काम के लिए उसने खनन विभाग में परमिट हेतु आवेदन किया था. मुख्य लेखाकर दीपक जोशी जानबूझकर उसके परमिट के काम को लेट कर रहा था. इसकी एवज में वह उससे रुपयों की मांग कर रहा था. जिसकी शिकायत उन्होंने विजिलेंस पानीपत के डीएसपी नरेंद्र कुमार को दी.
डीएसपी विजिलेंस ने टीम तैयार कर डीसी पानीपत से ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मांग की. जिस पर समाज कल्याण अधिकारी रविंद्र हुड्डा को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया. टीम ने सुनियोजित तरीके से ठेकेदार को मुख्य लेखाकार के पास भेजा. जैसे ही ठेकेदार ने मुख्य लेखाकार दीपक जोशी के रुपये दिए तुंरत ही विजिलेंस ने मुख्य लेखाकार को गिरफ्तार कर लिया.
रुपये न देते तो रोक देता काम
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें मजबूरी में मुख्य लेखाकार को रिश्वत के रुपये देने पड़ते थे. अगर वे उसे रुपये न देते तो वह उनका काम रोक देता. परमिट जारी नहीं होने देता था. जिससे उनका काम बंद हो जाता था। रुपये देने के बाद ही परमिट दिए जाते थे.