हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हम किसानों को निमंत्रण भेजेंगे किसान आंदोलन: सीएम खट्टर

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चंडीगढ़. किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसानों को बातचीत के लिए निमंत्रण देंगे. किसानों से हमारी बातचीत काफी नजदीक पहुंच चुकी है. किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों पर भी मुख्यमंत्री ने कहा जब किसानों के साथ बातचीत होगी तब इस पर चर्चा होगी. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार ने उनकी काफी मांगें मान ली हैं. अब उन्हें अपने घर वापस जाना चाहिए.

वहीं, सरकार से बातचीत के लिए किसानों को अभी तक कोई भी बुलावा नहीं भेजा गया है. फसलों पर MSP कानून, किसानों पर हुए दर्ज मुकदमे, मृतक किसानों को मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर किसान अभी भी अपना आंदोलन समाप्त नहीं कर रहे है. सरकार भी 4 दिसम्बर को होने वाली किसानों की बैठक का इंतजार कर रही है. जिसके बाद सरकार क्या कदम उठाने वाली है, ये आने वाला समय में पता चलेगा.

वहीं,सोनीपत के कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 जत्थेबंदियों की बुधवार को बैठक हुई. 32 जत्थेबंदियों की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम को लिखी चिट्टी भेजी है. केंद्र सरकार एमएसपी पर कमेटी बनाना चाह रही है. वहीं मुकदमे व शहीद किसानों ने इसकी जिम्मेवारी प्रदेशों को सौंपना चाहती है.

उन्होंने कहा कि जबतक सरकार हमारी मांगे लिखित में नहीं मानेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा. पंजाब के किसान नेताओ ने कहा कि अफवाह उड़ाई जा रही है कि पंजाब के किसान वापस जा रहे हैं. लेकिन यह सभी अफवाह है. पंजाब के किसान यहीं पर डटे हुए हैं और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेग. सोशल मीडिया पर अफ़वाह फैलाई जा रही कि पंजाब के किसान जा रहे है. पूरे देश का किसान अभी भी एकजुट है. संयुक्त किसान मोर्चा मजबूती से खड़ा है.

एमएसपी की गारंटी कानून हमारे लिए अब बड़ा मुद्दा है. 4 दिसंबर तक सरकार हमारी सभी मांगे माने ले. 3 दिसंबर को एक बार फिर 32 जाथेबंदिया बैठक करेंगी. वहीं लखीमपुर खीरी घटना पर सरकार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को मंत्री मंडल से बर्खास्त करे. आंदोलन जारी रहेगा लेकिन रूप रेखा बदली जा सकती है. किसान बोले हम पूरी तरह से तैयार हैं. 4 दिसंबर को बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

नरेंद्र तोमर के मुआवजे वाले बयान पर कहा कि इस मामले में सरकार निक्कमी सरकार है. संयुक्त किसान मोर्चा के पास शहीद किसानों का डाटा है. वहीं नेताओ ने कहा कि आंदोलन का खर्चा भी मीडिया के सामने रखा जाएगा.

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