संयुक्त किसान मोर्चा नोडरकी की बैठक में एमएसपी किसान मृत्यु मुआवजा और बिजली बिल पर हुई चर्चा

नई दिल्‍ली/सोनीपत. दिल्‍ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का एक साल पूरा होने के दूसरे दिन संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की बैठक हुई. इस बैठक में आंदोलन के भविष्‍य के साथ 2-3 बातों पर चर्चा हुई है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) के मुताबिक, बैठक के दौरान एमएसपी ( MSP) की गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई उनको मुआवजा देने के अलावा बिजली बिल के वापस लेने पर बातें हुईं हैं. जबकि बैठक के दौरान 29 नवंबर को संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को स्थगित करने का फैसला किया है.

इसके अलावा किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सीएम मनोहर लाल खट्टर ऐसा कह रहे हैं कि एमएसपी देना संभव नहीं है तो हो सकता है कि वह हमें यहां से जाने नहीं देना चाहते हों. हो सकता है उनको इस आंदोलन को आगे भी चले रहने देने का मन हो. वहीं, चढूनी ने पराली के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी है. उन्‍होंने कहा कि पराली जलाने को लेकर हमारे पास अभी कुछ लिखत में नहीं आया है, जब कुछ आएगा, तब बात करेंगे.

केंद्र ने किसानों की एक और मांग मानी
भारत सरकार ने किसानों की एक और अहम मांग मान ली है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों ने किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की थी. भारत सरकार ने भी इस मांग को स्वीकार कर लिया है. पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसला केंद्र ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले किया है.

इससे पहले तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसल विविधीकरण, शून्य-बजट खेती, और एमएसपी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है. इस कमेटी में किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे. उन्होंने कहा कि इस समिति के गठन से एमएसपी पर (MSP) किसानों की मांग पूरी हुई.

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बारे में कहा कि इससे जुड़ा विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर को) संसद में पेश किया जाएगा. इकसे साथ उन्‍होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है. मैं किसानों से आंदोलन समाप्त करने और घर जाने का आग्रह करता हूं.

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