यूपी: 22 साल पुराने मामले में अदालत में पेश हुए दो गवाह, मुख्तार अंसारी के मामले में नहीं हो सकी जिरह

मुख्तार अंसारी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी हुई, इस मामले में जिरह नहीं हो सकी। कोर्ट ने 13 दिसंबर की तारीख तय की है।

मुख्तार अंसारी

बांदा जेल में निरुद्ध बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मंगलवार को थाना जगदीशपुरा के 22 साल पुराने केस में स्पेशल जज (एमपी-एमएलए) नीरज गौतम की कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। इस दौरान केस में वादी जगदीशपुरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला और निरीक्षक रूपेंद्र गौड़ कोर्ट में हाजिर हुए। वादी की गवाही पूरी हो गई। उन्होंने अपने बयान में घटना का समर्थन किया, जबकि समयाभाव के कारण जिरह नहीं हो सकी। दूसरे गवाह की गवाही भी नहीं हुई। इस पर कोर्ट ने 13 दिसंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है।

कोर्ट से जारी वारंट वापस कराए गए

एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि शिवशंकर शुक्ला सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि रूपेंद्र गौड़ कानपुर में तैनात हैं। केस के समय थाना जगदीशपुरा में उप निरीक्षक पद पर तैनात थे। दोनों के कोर्ट से जारी वारंट वापस कराए गए। शिवशंकर शुक्ला की गवाही मुख्तार अंसारी की पेशी के दौरान हुई। वादी ने अपने बयान में घटना का समर्थन करते हुए बयान दिया। वादी से मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रवि अरोरा की जिरह समयाभाव के कारण पूरी नहीं हो सकी। दूसरे गवाह रूपेंद्र गौड़ की गवाही नहीं हो सकी। कोर्ट की ओर से अब अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तिथि सुनिश्चित की गई है।

ये था मामला

मामला 18 मार्च 1999 का है। तत्कालीन जिलाधिकारी राजेंद्र कुमार तिवारी, एसएसपी सुवेश कुमार, एसपी सिटी डीसी मिश्रा, एडीएम सिटी पीएन दुबे और सीएमओ ने अचानक केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया था। तब विधायक मुख्तार अंसारी की बैरक से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद हुई थी। इस मामले में थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज हुआ था।

Source link

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *