सीनियर रेजीडेंट की संख्या 70 के करीब ही है। फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग मोहन के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टर बुधवार को भी सुबह नौ बजे ओपीडी के बाहर पहुंच गए। बाहर बैठकर ‘तारीख पर तारीख नहीं चलेगी’ और ‘ओपीडी बंद करो’ के नारे लगाए। हालांकि इमरजेंसी और वार्डोँ में भर्ती मरीजों को देखा।
नीट पीजी 2021 की काउंसिलिंग शुरू कराने के लिए उचित कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। इससे शुक्रवार सुबह आठ बजे से इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। भर्ती मरीजों को भी नहीं देखा जाएगा। सरकार को यदि एक बैच के देरी से आने से फर्क नहीं पड़ता तो इस बात पर भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि दो बैच काम करे या तीन बैच। रेजीडेंट काम करते-करते थक गए हैं, भागीदारी की जरूरत है। – डॉ. अनुपम सिंह यादव, उपाध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन
ओपीडी में कार्य का बहिष्कार कर रहे रेजीडेंट ने शुक्रवार से इमरजेंसी को छोड़कर आईपीडी व अन्य सेवाओं का बहिष्कार करने की जानकारी बुधवार को दी है। ऐसा होने पर दिक्कतें होंगी। रेजीडेंट मेडिकल कॉलेज की रीढ़ की हड्डी होते हैं। आईपीडी (वार्डों में भर्ती) मरीजों को 24 घंटे यही देखते हैं। बृहस्पतिवार का दिन है, कुछ प्रबंधन किया जाएगा। – डॉ. प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य, एसएन मेडिकल कॉलेज
एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सोमवार और मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को मरीज जरूर कम (1394) पहुंचे, पर जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार असर दिखा। ओपीडी में मेडिसिन विभाग, हड्डी रोग विभाग और त्वचा के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। दर्द से परेशान मरीज लाइन में लगे-लगे थक गए तो फर्श पर ही बैठ गए। मेडिसिन विभाग में 292, हड्डी रोग विभाग में 173 और त्वचा रोग विभाग में 169 मरीजों को परामर्श दिया गया। स्थित यह थी कि ओपीडी में पहुंचे मरीजों को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ गया।
रीढ़ की हड्डी में दर्द हो रहा है। इसे दिखाने के लिए सुबह 10 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंच गई थी। दो घंटे ओपीडी में दिखाने के लिए इंतजार करना पड़ा। लाइन में लगे-लगे दर्द और बढ़ गया। – नीलम, सेंट जोंस
एक घंटे बाद मिल पाया परामर्श
पैर में दर्द होने पर हड्डी रोग विभाग में दिखाने के लिए आई थी। एक घंटे इंतजार के बाद परामर्श मिल पाया। 20 मिनट पर्चे बनवाने में लग गए। – कामिनी मिश्रा, आवास विकास कॉलोनी