प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने म्यांमार के रोहिंग्या समुदाय के दो मानव तस्करों मो. जमील व नूर अमीन को गिरफ्तार किया है। एटीएस की वाराणसी फील्ड इकाई ने शनिवार को दोनों को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से दबोचा। दोनों अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं। एटीएस इस गिरोह के सात सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है।
दोनों के पास भारतीय नाम व पते से बनवाए गए पासपोर्ट समेत कई जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तारी में पश्चिम बंगाल एटीएस व स्थानीय कोलकाता पुलिस ने भी यूपी एटीएस को सहयोग किया। इसके लिए यूपी एटीएस द्वारा उनको पुरस्कृत भी किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों में मो. जमील उर्फ हारिशुल्ला मूल रूप से म्यांमार के अक्याब जिले के बुटिडॉग थाना क्षेत्र स्थित जब्बर पारा का रहने वाला है।
वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले में काजीपारा स्थित शानपुकुर में रह रहा था, जबकि उसने यूपी के अलीगढ़ जिले के भुजपुरा कोईल के आशिक अली रोड पर स्थित मुल्ला पारा के पते से दस्तावेज बनवा रखे हैं। इसी तरह नूर अमीन म्यांमार के अक्याब जिले के मंगड़ू थाना क्षेत्र स्थित हरीरबिल गांव का रहने वाला है। वह मो. जमील का साला है। उसने हिन्दू नाम सुदीप मैती के नाम से और पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित हरिहरनगर जॉयपुर हंसखाली के पते से दस्तावेज बनवा रखे हैं। एटीएस को दोनों के कब्जे से दो भारतीय पासपोर्ट, आठ आधार कार्ड, तीन वोटर कार्ड, दो पैन कार्ड, दो मोबाइल फोन, तीन यूएनएचसीआर कार्ड, दो डेबिट कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, स्टेट बैंक की एक चेकबुक, म्यांमार सरकार द्वारा जारी परिवार रजिस्टर की नकल की छायाप्रति, 100-100 के तीन नोट और 500 का एक बांग्लादेशी नोट बरामद हुआ है।
Lucknow: UP ATS arrested two Rohingyas from Kolkata, West Bengal in connection with the matter of making fake documents for Bangladeshi nationals and Rohingyas who were brought to India illegally. pic.twitter.com/mA3xZruL6d
— ANI UP (@ANINewsUP) November 21, 2021
एटीएस इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें मिथुन मंडल, शाओन अहमद, मोमिनुर इस्लाम, मेंहदी हसन, समीर मंडल, विक्रम सिंह व अजय घिल्डियाल शामिल हैं। अजय घिल्डियाल इस समय एटीएस की कस्टडी रिमांड पर है और उससे पूछताछ चल रही है। यह गिरोह बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत में लाकर उनके फर्जी प्रपत्र तैयार करवाता है और इन्हीं फर्जी प्रपत्रों के सहारे उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में उन्हें विदेश भेजता है।