जिले में शीत लहर का असर शनिवार रात रहा। शीतलहर के कारण सबसे अधिक दिक्कत जिला अस्पताल के सामने दवा मार्केट, दाऊदयाल डिग्री कॉलेज के सामने ओवरब्रिज के नीचे, डीएवी इंटर कॉलेज के सामने, कोटला चुंगी चौराहा के समीप मार्केट के बरामदे व नसिया जी मंदिर के बाहर दुकानों के फड़ पर लेटने वाले बेसहारा लोगों को हुई। इन लोगों के पास न तो कंबल था और न ही रजाई। चादर के सहारे ठिठुरते करवट बदलकर ये लोग रात काटने को विवश नजर आए।
फुटपाथ पर सोने वालों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हालांकि नगर निगम द्वारा शहर में दो स्थाई आश्रय स्थलों का संचालन किया जाता है। इनमें से एक सुभाष तिराहे और दूसरा आसफाबाद रेलवे लाइन के पास है। सुभाष तिराहे के समीप बने आश्रय स्थल में करीब 20 से अधिक लोगों के सोने की व्यवस्था है और आसफाबाद रेलवे लाइन सहारे बने आश्रयस्थल में सौ लोगों के सोने की व्यवस्था है।
डीएवी इंटर कॉलेज के सामने रात करीब 12 बजे दो युवक ओवरब्रिज के नीचे सोते नजर आए। इनमें से एक जमीन पर लेटा था तो दूसरा उसके समीप बैठा था। इन लोगों के पास न तो बिछाने को दरी थी और न ही ओढ़ने को चादर। जमीन पर लेटा युवक अपने साथी युवक से बात कर रहा था। सर्दी के कारण दोनों को नींद नहीं आ रही थी।
मां राजराजेश्वरी कैला देवी मंदिर के सामने साधु-संत खुले आसमान के नीचे लेटे नजर आए। इनके पास न तो कंबल था और न ही रजाई। ये लोग केवल चादर के सहारे ही रात काटने को विवश थे। एक साधु के पास तो इतनी लंबी चादर भी नहीं थी कि उसके पैर तक ढक जाए। वह बार-बार करवट बदलता नजर आया।
जीएम जलकल व आश्रय स्थल प्रभारी रामबाबू राजपूत ने बताया कि फुटपाथ पर सोने वाले लोगों को आश्रय स्थलों में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। अस्थायी आश्रय स्थलों के बनवाने का काम भी जल्द शुरू करा दिया जाएगा।