पानीपत. कहते हैं शौक का कोई मोल नहीं होता. इसका उदाहरण बने हैं सौदापुर गांव के प्रदीप टूर्ण, जो कि बीटेक पास हैं. वह नोएडा एयरपोर्ट पर एक कंपनी में इलेक्ट्रिक इंजीनियर (Electric Engineer) थे, लेकिन उनको बचपन से ही पशु पालन का शौक था. शौक पूरा करने के लिए प्रदीप ने नौकरी छोड़ दी. बाद में यह शौक पशुपालन से बदल कर अच्छी नस्ल के पशु तैयार करने में बदलता चला गया. उनका ही एक कटड़ा (झोटा) चांद पंजाब में चैंपियन बन गया है. इसकी कीमत अभी तक करोड़ों में मानी जा रही है. चांद के पिता सुल्तान (Sultan) की कीमत 21 करोड़ लगी थी और दादा का नाम गोलू था, जिसकी किम्मत 25 करोड़ रुपए लगी थी.
प्रदीप टूर्ण ने मुर्हरा नस्ल के कटड़े को तैयार किया है. दोनों में इतना लगाव है कि प्रदीप की आवाज सुनकर चांद घर की रसोई तक भी पहुंच जाता है. चांद को उठाने, बैठाने व एक जगह खड़ा रखने के लिए प्रदीप का एक इशारा ही काफी होता है.
चांद ने जीती चैंपियनशिप
पंजाब के जगराओं मंडी में आयोजित पीडीएफए इंटरनेशनल डेयरी एवं एग्री एक्सपो चैंपियनशिप में लगभग 3000 पशु पालक पहुंचे. प्रतियोगिता में चांद ने सबसे कम उम्र का होते हुए भी चैंपियनशिप जीती. चांद का जन्म 11 मई, 2018 को हुआ था. चांद की ऊंचाई 5 फीट 10 ईंच, लंबाई 15 फीट व वजन 7 क्विंटल है. बता दें कि इससे पहले भी चांद कई प्रतियोगिताएं जीत चुका है.
2 वर्ष, 9 माह की आयु में नहला (भूना) जिला फतेहाबाद में आयोजित राष्ट्र स्तरीय पशु प्रदर्शनी में 2 से 4 दांत कैटेगरी में हिस्सा लिया था. इस प्रदर्शनी में देश भर से लगभग 600 पशुओं ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता में चांद ने प्रथम स्थान हासिल किया था. प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी तथा फतेहाबाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक ने प्रदीप को नकद राशि, प्रथम स्थान का प्रमाणपत्र व शील्ड देकर सम्मानित किया था.
हर रोज पांच लीटर दूध पीता है चांद
इससे पहले जनवरी, 2020 में डेयरी फार्मर एसोसिएशन द्वारा कुरुक्षेत्र में आयोजित राष्ट्र स्तरीय पशु प्रदर्शनी में तीसरा तथा मार्च 2020 में एनडीआरआइ करनाल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पशु प्रदर्शनी में चौथा स्थान हासिल किया था. प्रदीप ने बताया कि वह कटड़े को चना, चने का आटा, गेहूं, बिनौला खल, हरी सब्जियां व चारा खिलाते हैं. इसके अलावा हर रोज पांच लीटर दूध पिलाते हैं.
चांद के पिता सुल्तान थे
खाने की डाइट व दिनचर्या, पशु चिकित्सकों की सलाह अनुसार चलती है. इसके साथ ही हर रोज पांच किलोमीटर की सैर भी कराते हैं. चांद दिन में दो से तीन बार नहाता है और गर्मियों में कूलर की हवा में गद्दे पर सोता है. चांद के पिता सुल्तान थे. सुल्तान पर साउथ अफ्रीका के एक व्यापारी ने 21 करोड़ रुपये की कीमत लगाई थी. कुछ दिनों पहले हृदय गति रुकने से सुल्तान की मौत हो गई थी. सुल्तान का मुकाबला पहले कई बार युवराज के साथ होता था.
युवराज के बेटे चांदवीर ने भी हिस्सा लिया
इस प्रतियोगिता में युवराज के बेटे चांदवीर ने भी हिस्सा लिया था. चांदवीर की कीमत नौ करोड़ रुपये तक लग चुकी है. इसके अलावा गतौली के बुल रुस्तम ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. चांद अन्य नामी बुल को पछाड़ते हुए चैंपियन बना.