ट्रैक्टर मार्च रद्द: सरकार से कहा- आकाशवाणी न करें, आमने-सामने बात करें

किसानों ने सरकार को 4 दिसंबर तक फैसला लेने का समय दिया

संयुक्त किसान मोर्चा ने आज सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में 29 नवंबर को होने वाली संसद तक ट्रैक्टर मार्च को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार 4 दिसंबर तक का समय दिया है।

कृषि कानून वापस होने के बाद भी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। आज सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। इस बैठक में निम्न फैसले लिए गए हैं-

  • 29 नवंबर को होने वाला संसद ट्रैक्टर मार्च टाल दिया गया है, इसे 6 दिसंबर तक टाल दिया गया है
  • 4 दिसंबर को होगी संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी बैठक
  • किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिया गया फैसला
  • एमएसपी मुद्दा , शहीद किसानों को मुआवजा, देशभर में किसानों के ऊपर दर्ज केस, लखीमपुर खीरी के दोषी को बर्खास्त किया जाए
  • पराली जलाने पर दंड और बिजली बिल को भी खत्म किया जाए
किसानों ने कहा कि हम मोर्चा जीत चुके हैं, आज सरकार की तरफ से कुछ बयान आए हैं, जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम इंतजार कर रहे हैं। 29 का कूच नहीं होगा। एमएसपी मुद्दा , शहीद किसानों को मुआवजा, देशभर में किसानों के ऊपर दर्ज केस, लखीमपुर खीरी के दोषी को बर्खास्त किया जाए। पराली जलाने पर दंड और बिजली बिल को भी खत्म किया जाए।

किसानों का कहना है कि, सरकार को हमारे साथ वर्तालाप की टेबल पर आना होगा। सरकार की घोषणा से हम सहमत नहीं हैं, सम्मानपूर्वक फैसला होना चाहिए। पीएम मोदी राज्य सरकारों को निर्देश दें कि मुकदमे वापिस हों।

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