दो जून 2016 की शाम पांच बजे जवाहर बाग में जैसे ही तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ फरह संतोष यादव ने पुलिस टीम के साथ कारागार की तरफ से दीवार तोड़कर कब्जा लेने का प्रयास किया तो ताबड़तोड़ गोलियां चलीं, जिसमें दोनों अधिकारी शहीद हो गए। इसी दौरान कब्जाधारियों का नेतृत्व कर रहे रामवृक्ष यादव गायब हो गया।
रामवृक्ष यादव का फाइल फोटो
धरने पर बैठे थे
राजनारायण शुक्ला निवासी मिसरौलिया दुर्वासा जिला बस्ती की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार वर्ष 2014 में जवाहर बाग में रामवृक्ष यादव निवासी गांव रायपुर बागपुर थाना मरदह जिला गाजीपुर अपने गुरु जय गुरुदेव का मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए धरने पर बैठे थे। उन्हें हटाने के लिए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, मथुरा प्रशासन और जयगुरुदेव के अनुयायियों ने दो जून 2016 को हम लोगों पर गोली चलवाईं। बचने के लिए मैं तथा हरनाथ सिंह ,विवेक यादव पुत्र रामवृक्ष यादव, अमित गुप्ता तथा रामवृक्ष भागे।
रामवृक्ष यादव को गाड़ी जबरन डाल कर ले गए
इसी दौरान पुलिस लाइन के पास बोलेरो सवार कुछ पुलिस वाले रामवृक्ष यादव को गाड़ी जबरन डाल कर ले गए। उन्हें न तो आज तक जेल भेजा है ना ही पेश किया है। हम लोग पुलिस से जानकारी करते रहे, लेकिन हमें कोई भी जानकारी नहीं मिली। हम जानना चाहते हैं कि रामवृक्ष यादव पुलिस की अभिरक्षा में है या फिर उसकी हत्या कर दी गई है। राजनारायण ने अदालत से अज्ञात पुलिस वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच की मांग की है। इस संबंध में जानकारी देते हुए रामवृक्ष यादव के अधिवक्ता एलके गौतम ने बताया कि राजनारायण की ओर से अज्ञात पुलिस वालों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।