कोरोना काल में समाज एक बड़ा वर्ग भले ही दुश्वारियों और मुश्किलों में जिंदगी गुजार रहा हो लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो ताबड़तोड़ लग्जरी गाड़ियां खरीद रहा है। पिछले साल 40 लाख से ऊपर की 100 गाड़ियां भी नहीं बिकीं थीं, लेकिन इस साल 11 महीने में ही ऐसी 160 से अधिक गाड़ियों की बिक्री हो गई है। चिप के कारण गाड़ियों की डिलिवरी नहीं होने से लोगों को लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ रहा है।
गोरखपुर में 40 लाख से अधिक कीमत में फॉर्च्यूनर और इसूजू ब्रांड की गाड़ियां बिक रही हैं। फॉर्च्यूनर की गाड़ियां ऑन रोड प्राइज 40 लाख से शुरू हैं। टॉप मॉडल की कीमत 50 लाख से अधिक है। वहीं इसूजू की लग्जरी गाड़ी दो महीने पहले लांच हुई है। इस मॉडल की 7 गाड़ियों की डिलिवरी हो गई है। इसूजू ब्रांड की गाड़ियों की कीमत 42 लाख से अधिक है। टोयटा की इनोवा और फॉर्च्यूनर की खूब मांग है। इनोवा के लिए तो लोग कोलकॉता से लेकर नोएडा का चक्कर लगा रहे हैं। पिछले 11 महीने में 160 इनोवा और 140 फॉर्च्यूनर बिक चुकी है। वहीं पिछले वर्ष इनोवा और फॉर्च्यूनर मिलाकर 250 गाड़ियां ही बिकी थीं।
सहजनवा में राजेन्द्र टोयटा एजेंसी के जीएम अभिषेक तिवारी बताते हैं कि ‘फॉर्च्यूनर की वेटिंग 75 से 90 दिनों की है तो वहीं इनोवा की वेटिंग भी दो महीने से अधिक की है। चुनाव को लेकर 150 से अधिक फॉर्च्यूनर और इनोवा की बुकिंग हुई है।’
20 लाख कीमत वाली गाड़ियों की भी डिमांड बढ़ी
10 से 20 लाख कीमत वाली गाड़ियों की भी डिमांड बढ़ी है। मारुती के वितरक अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि ‘सर्वाधिक मांग अर्टिगा की है। सीएनजी मॉडल की अधिक मांग है।
टॉप मॉडल की 400 से अधिक गाड़ियों की बुकिंग है।’ वहीं, महेन्द्रा में सर्वाधिक डिमांड महेन्द्रा एक्सयूवी 700 की है। वहीं टाटा की नई सफारी की भी खूब मांग है। आरकेएल टाटा शो रूम के एमडी एलके राय का कहना है कि ‘पिछले साल 42 गाड़ियां बिकीं थीं। वहीं टाटा सफारी की नई मॉडल की 44 गाड़ियां बिक चुकी हैं। चिप की किल्लत के चलते समय के डिलिवरी नहीं होने से गाड़ियों की लंबी वेटिंग चल रही है।’
मिडिल क्लास परेशान, दोपहिया वाहन कम बिके
चिप की दिक्कत के बाद भी चार पहिया वाहनों की बिक्री में कुछ इजाफा दिख रहा है, लेकिन दोपहिया वाहनों की बिक्री प्रभावित है। पिछले वित्तीय वर्ष में 45 हजार दो पहिया गाड़ियां बिकीं थीं, लेकिन अप्रैल से नवम्बर महीने के बीच करीब 25 हजार गाड़ियां ही बिकी हैं। डीपी मोटर्स के नितिन मातनहेलिया का कहना है कि मिडिल क्लास कोरोना से अभी उबर नहीं सका है। मीडिल क्लास में दो पहिया वाहन शादियों में गिफ्ट करने का चलन कम हुआ है। यह वर्ग कार पर शिफ्ट हुआ है। ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में अधिक शादियां गर्मियां में होती हैं। ऐसे में दो पहिया वाहनों की खास डिमांड नहीं है। बुधवार को कुल सात गाड़ियां शो रूम से बिकी हैं।
रईसी बरकरार
-2020 में 40 लाख से ऊपर की 100 गाड़ियां भी नहीं बिकी थीं
-2021 में 11 महीनों में 160 से अधिक बिकी लग्जरी गाड़ियां
-पिछले साल 45 हजार बाइक बिकी थीं, इस साल 25 हजार भी नहीं बिकीं