कुछ पल के लिए अटक गई थीं सांसे, शुक्र है बच गए

जलालाबाद। तड़के करीब तीन बजे मैं अपने गांव के नाजिम, काजिम और तोएब के साथ कार से प्रयागराज जा रहा था। पुल पर जहां-तहां गड्ढे होने के कारण कार की स्पीड काफी कम थी। चारों तरफ घुप अंधेरा था। हमसे आगे केवल एक ट्रक चल रहा था। अचानक पुल हिलता महसूस हुआ। जब तक हम लोग कुछ समझ पाते चलती कार से कुछ कदम आगे तेज आवाज के साथ पुल का हिस्सा अलग हो गया। कुछ सेकेंड में हमारी कार पुल सहित करीब तीस फुट नीचे पहुंच गई। कुछ पल के लिए सभी की सांसे अटक गईं। हम चीख पड़े। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या? थोड़ा भी इधर-उधर होते तो कार नदी में समा जाती। ऊपर वाले का लाख-लाख शुक्र है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित बच गए।

– प्रत्यक्षदर्शी कार सवार मुजीब पाशा, चकफैलपुर, मुरादाबाद

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