अमित भटनागर
करनाल. हरियाणा के करनाल (Karnal) स्थित बागवानी विभाग के तहत आलू केंद्र उन्नत खेती करने में अपना अहम योगदान दे रहा है. किसान अब बिना जमीन बिना मिट्टी हवा में ही आलू उगा सकेंगे, जिसमें पैदा जिस में पैदावार भी 10 गुना ज्यादा होगी. यानी के किसान परंपरागत खेती की बजाय ‘एरोपोनिक तकनीक’ के प्रयोग से कम लागत में आलू की ज्यादा फसल उगा कर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है.
केंद्र द्वारा किसानों के लिए नई विधि निकाली गई है जिसमें बिना जमीन बिना मिट्टी के हवा में ही आलू उगेंगे और पैदावार भी 10 गुना ज्यादा होगी. विशेषज्ञों ने बताया कि इस सेंटर का इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर के साथ एक एमओयू हुआ है. इसके बाद भारत सरकार द्वारा एयरोपोनिक प्रोजेक्ट को अनुमति मिल गई है.
नई तकनीक से 10-12 गुना ज्यादा होगी पैदावार
आलू का बीज उत्पादन करने के लिए आमतौर पर ग्रीन हाउस तकनीक का इस्तेमाल करते थे जिसमें पैदावार काफी कम आती थी. एक पौधे से पांच छोटे आलू मिलते थे जिन्हें किसान खेत में रोपित करता था. इसके बाद बिना मिट्टी के कॉकपिट में आलू का बीज उत्पादन शुरू किया गया. इसमें पैदावार करीब 2 गुना हो गई.
इसके बाद अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एयरोपोनिक तकनीक से आलू उत्पादन किया जा रहा है. जिसमें बिना मिट्टी बिना जमीन के आलू पैदा होने लगे हैं. इसमें एक पौधा 40 से 60 छोटे आलू तक दे रहा है, जिन्हें खेत में बीज के तौर पर रोपित किया जा रहा है. इस तकनीक से करीब 10 से 12 गुना पैदावार बढ़ जाएगी.
एयरोपोनिक तकनीक से हवा में पैदा होंगे आलू
डॉ मुनीश सिंगल सीनियर कंसलनेन्ट ने बताया कि एयरोपोनिक एक महत्वपूर्ण तकनीक है । जिसके नाम से ही स्पष्ट होता है एयरोपोनिक्स यानी हवा में ही आलू को पैदा करना. उन्होंने बताया कि इस तकनीक में जो भी जो भी न्यूट्रिएंट्स पौधों को दिए जाते हैं, वह मिट्टी के जरिए से नहीं बल्कि लटकती हुई जड़ों से दिए जाते हैं. इस तकनीक के जरिए से आलू के बीजों का बहुत ही अच्छा उत्पादन कर सकते हैं.
जो कि किसी भी मिट्टी जनित रोगों से रहित होंगे उन्होंने बताया कि परंपरागत खेती के मुकाबले में इस तकनीक के जरिए से ज्यादा संख्या में पैदावार मिलती है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह तकनीक के जरिए से अच्छी गुणवत्ता वाले बीज की कमी पूरी की जा सकेगी. केंद्र में 1 यूनिट में इस तकनीक से 20 हजार पौधे लगाने की क्षमता है, जिससे आगे फिर करीब 8 से 10 लाख मिनी ट्यूबर्स या बीज तैयार किये जा सकते है.